शांति के साथ-साथ सुकून देती ग्रीन वॉल्स
गर्मी से निजात दिलाने में होती हैं सहायक, अधिक ऑक्सीजन देने वाले पौधों का किया जाता है उपयोग...
इस मशीनी युग में घड़ी की सूईयों की तर्ज पर चलते इस जीवन के साथ घरों को सजाने में भी बदलाव की दरकार महसूस होने लगी है। लोग अपने घरों को दरख्तों में बदल रहे हैं। इसके लिए ग्रीन या र्लिंवग वॉल का कांसेप्ट खूब पसंद किया जा रहा है। यह कांसेप्ट दिल्ली एनसीआर में भी आ गया है। प्रकृति की गोद में होने का अहसास करवाने वाली यह वॉल विशेष तकनीक से विकसित की जा रही हैं।
क्या है ‘ग्रीन’ या ‘र्लिंवग वॉल’: विशेष तकनीक से तैयार की इस दीवार को पूरी तरह से पौधों से कवर कर दिया जाता है। जिस तरह से वर्टिकल प्लांटेशन होता है। ठीक उसी प्रकार दीवार पर पौधों को सघनता से लगाया जाता है। यह केवल ऊपरी तौर पर नहीं होता, बल्कि इसे दीवार की सतह के साथ दीवार के अंदर मिट्टी की परत बनाकर भी उगाया जाता है। ये पौधे उस वर्ग के होते हैं। जिनमें आक्सीजन सप्लाई की क्षमता अधिक होती है। इन विशेष प्रकार के पौधों से पूरी दीवार ढंक जाती है। जो किस मनोरम बगीचे सी नजर आती है।
तापमान नियंत्रित करने में सहायक : ‘ग्रीन वॉल’ में लगाए गए पौधों ‘टेंपरेचर इक्विलाइजर’ का काम करते हैं। दीवारों से निकलने वाले इन पौधों से आक्सीजन निकलती है व प्रदूषण फैलाने वाले तत्वों व गैसों को फिल्टर का काम करता है। ऐसी वॉल में एसी की जरूरत न के बराबर होती है। इसमें शुद्ध वायु के साथ तापमान नियंत्रित रहता है जो कि स्वास्थ के लिए भी अच्छा होता है।
जीरो मेनटेनेंस : इस वॉल को लगातार देखरेख की जरूरत नहीं होती। इन्हें फिट किए हुए सिस्टम से लगातार पानी व प्रकाश जैसी चीजें मिलती रहती हैं। चार इंच के पॉट को फ्रेम पर जोड़ करके दीवारों में लगाते हैं। इसमें लगे इरीगेशन सिस्टम से पौधों को स्वत पोषण मिलता रहता है।
इन पौधों से बनती है ग्रीन वॉल
इस तरह की वॉल बनाने के लिए आउट डोर व इनडोर दोनों तरह के पौधे लिए जाते हैं, जिनका साइज 18 सेंटीमीटर या एक फुट से कम होता है। ग्रीन, यलो व गोल्डन रंगों के संयोजन से यह वॉल्स तैयार की जाती हैं। लोग अधिकतर इनडोर एयरप्यूरीफाइंग प्लांट्स व मनीप्लांट्स की वेराइटी को लगवाना पसंद कर रहे हैं।
प्रदूषण से निजात ग्रीन वॉल वायु प्रदूषण के प्रभाव को खत्म करती हैं। इसमें लगे पौधे 24 घंटे आक्सीजन देने वाले होते हैं। इन्हें प्रकाश संश्लेषण के लिए सूर्य की रोशनी की जरूरत नहीं होती बल्कि यह पौधे प्रकाश के छोटे से छोटे कृत्रिम स्नोत का उपयोग करके भी आक्सीजन छोड़ने की प्रक्रिया पूरी कर लेते हैं। वायु के अलावा ध्वनि प्रदूषण को रोकने में भी यह वॉल सहायक होती है। ग्रीन वॉल के आर आर तेज आवाज की तीव्रता का पता नहीं चलता। ऐसे में शांति व शुद्ध वायु के साथ साथ सुकून दायक भी होते हैं यह ग्रीन वॉल्स।
प्रदूषण से निजात
ग्रीन वॉल वायु प्रदूषण के प्रभाव को खत्म करती हैं। इसमें लगे पौधे 24 घंटे आक्सीजन देने वाले होते हैं। इन्हें प्रकाश संश्लेषण के लिए सूर्य की रोशनी की जरूरत नहीं होती बल्कि यह पौधे प्रकाश के छोटे से छोटे कृत्रिम स्नोत का उपयोग करके भी आक्सीजन छोड़ने की प्रक्रिया पूरी कर लेते हैं। वायु के अलावा ध्वनि प्रदूषण को रोकने में भी यह वॉल सहायक होती है। ग्रीन वॉल के आर आर तेज आवाज की तीव्रता का पता नहीं चलता। ऐसे में शांति व शुद्ध वायु के साथ साथ सुकून दायक भी होते हैं यह ग्रीन वॉल्स।
घरों से लेकर एयरपोर्ट तक में लोग अब ग्रीन वॉल को बनवाना पसंद कर रहे हैं। यह सर्द व गर्म दोनों मौसम में तापमान को नियंत्रित करती है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर को नियंत्रित करने में यह काफी सहायक साबित हो रही हैं।- सुनीता चांडक, निदेशक, शील ग्रींस, शील बायोटेक लिमिटेड, दिल्ली।
ग्रीन वॉल इन दिनों इंटीरियर के क्षेत्र में काफी पसंद किया जा रहा है। तापमान को नियंत्रिय करने से लेकर स्वास्थ्यवर्धक वायु के संचार में सहायक है। लोग इस तरह के इंटीरियर की मांग कर रहे हैं।
-गीतांजलि, इंटीरियर डिजाइनर, गुरुग्राम।
-प्रियंका दुबे मेहता
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