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पिता के हाथ में ठेला और बेटी ने हॉकी थाम कर रौशन कर दिया नाम

लखनऊ स्पोर्ट्स हॉस्टल में पहने वाली हॉकी खिलाड़ी मुमताज खान के पिता हफीज खान सब्जी का ठेला लगाते हैं और मां कैसर जहां गृहिणी हैं।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Sat, 15 Apr 2017 02:35 PM (IST)Updated: Sat, 15 Apr 2017 08:19 PM (IST)
पिता के हाथ में ठेला और बेटी ने हॉकी थाम कर रौशन कर दिया नाम
पिता के हाथ में ठेला और बेटी ने हॉकी थाम कर रौशन कर दिया नाम

विजय प्रताप सिंह चौहान, इटावा। स्कूल के दिनों में पहली बार जब हाथ में हॉकी थामी तो मां ने बहुत डांटा, कई बार पिटाई भी हुई। मगर, जब हॉकी में बेहतर प्रदर्शन करने लगी तो न सिर्फ स्वीकृति दे दी बल्कि जब भी पैसों की जरूरत पड़ती तो मां कैसे भी इंतजाम कर नाम रोशन करने की दुआ करतीं। यह कहना है लखनऊ की मुमताज खान का जो लखनऊ स्पोर्ट्स हॉस्टल की खिलाड़ी हैं और इन दिनों इटावा एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम में उप्र टीम के सेलेक्शन के लिए आयोजित कैंप में प्रतिभाग कर रही हैं।

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दैनिक जागरण से बातचीत में मुमताज ने अपने अभी तक के संघर्ष और उपलब्धियों को साझा किया। लखनऊ के कैंट स्थित तोपखाना बाजार निवासी मुमताज के पिता हफीज खान सब्जी का ठेला लगाते हैं और मां कैसर जहां गृहिणी हैं। इसी वर्ष हाईस्कूल की परीक्षा दे चुकी मुमताज का लखनऊ हॉस्टल में तीसरा साल है। फॉरवर्ड खेलने में महारथ रखने वाली मुमताज वर्ष 2016 में रांची में और वर्ष 2017 में रोहतक में नेशनल सब जूनियर महिला हॉकी में दमखम दिखा चुकी हैं। वर्ष 2015 में छत्तीसगढ़ और 2016 में रांची में नेशनल जूनियर महिला हॉकी में उप्र की ओर से खेल चुकी हैं। इतना ही नहीं दिसंबर 2016 में थाइलैंड की राजधानी बैंकाक में हुए अंडर-18 महिला हॉकी एशिया कप में मुमताज भारतीय टीम की ओर से प्रतिभाग कर चुकी हैं।

भरना चाहती हैं ऊंची उड़ान :

रोहतक में 20 से 30 अप्रैल तक आयोजित होने वाली सातवीं सीनियर महिला हॉकी चैंपियनशिप के लिए इटावा स्टेडियम में उप्र टीम के सेलेक्शन के लिए कैंप चल रहा है। मुमताज ने बताया कि फिलहाल उनका लक्ष्य इस कैंप के जरिए यूपी टीम में चयनित होना है। इसके बाद नेशनल टीम का हिस्सा बन भारत के लिए खेलते हुए मुमताज अपने साथ परिवार, लखनऊ, उप्र और देश का नाम वैश्विक स्तर पर चमकाना चाहती हैं। वह लखनऊ स्पोर्ट्स हॉस्टल और चयनकर्ता एसके लहरी का शुक्रिया अदा करते हुए कहती हैं, यदि ये लोग सेलेक्शन न करते तो आज मैं इस मुकाम पर न होती।

डांस का शौक, मगर आता नहीं :

हॉकी को जिंदगी बना चुकी मुमताज को डांस का भी शौक है। हालांकि वह कहती हैं कि मुङो डांस आता नहीं, बस शौक ही है। मुमताज अपने एक भाई, चार बहनों व अभिभावकों के लिए जितना संभव हो, करना चाहती है, जिससे उनके परिवार को आर्थिक रूप से मजबूती मिल सके।

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