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जिला में पंजीकरण प्रक्रिया कछुआ चाल

संवाद सहयोगी, ऊना : जिला ऊना में अन्य राज्य के लोगों के पंजीकरण प्रक्रिया कछुआ चाल से चल रही है। एक

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Mar 2017 01:00 AM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2017 01:00 AM (IST)
जिला में पंजीकरण प्रक्रिया कछुआ चाल
जिला में पंजीकरण प्रक्रिया कछुआ चाल

संवाद सहयोगी, ऊना : जिला ऊना में अन्य राज्य के लोगों के पंजीकरण प्रक्रिया कछुआ चाल से चल रही है। एक तरफ पुलिस ने कोई व्यापक अभियान नहीं छेड़ा है वहीं किराये पर रखने वाले अधिकांश मकान मालिक व ईट भट्ठा मालिक भी अनदेखी कर रहे हैं। इससे न तो पता चल पा रहा है कि किराये के मकान पर रखे गया व्यक्ति किस प्रवृत्ति का है और किन मंसूबों से यहां पहुंचा है। वहीं उसका भविष्य में यहां रहकर क्या करने का इरादा है, यह सब बातें मात्र जागरूकता के अभाव व ढील पर आकर टिकी हैं। हालांकि बंगाणा पुलिस ने संजीदगी दिखाते हुए अन्य राज्य के लोगों से पंजीकरण करवाने का आह्वान किया था।

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अधिकांश कस्बों में इस प्रक्रिया पर न तो पुलिस ठोस नीति बना रही है, न ही लोगों को इस बात की ¨चता है। पुलिस ने किरायेदार रखने वाले लोगों को चेतावनी दी है कि पुलिस थाना में उनका पंजीकरण कराना सुनिश्चित करें, लेकिन हर बात यह आदेश सुर्खियों तक सिमट कर रह जाते हैं। अन्य राज्य के रहने वाले कई लोगों के आपराधिक घटना से जुड़े किस्से सामने आ चुके हैं। इनमें पिछले वर्ष में संतोषगढ़ के ईट भट्ठे पर काम करने वाले अन्य राज्य के व्यक्ति के मोबाइल को ट्रेस कर आपराधिक मामले में हरियाणा पुलिस ने धरा था, जबकि मैहतपुर में दुष्कर्म के प्रयास में संलिप्त आरोपी तथा ऐसे कई आपराधिक उदाहरण सामने हैं। एक ओर जिलाभर में किसी न किसी क्षेत्र में काम करने आए अन्य राज्यों के लोगों का आंकड़ा हजारों में हो सकता है। पुलिस के पास पंजीकरण का आंकड़ा सैकड़ों में तक ही सीमित है।

किरायेदारों व कामगारों का पंजीकरण कराना जरूरी

जिला में उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और पंजाब आदि कई राज्यों से विभिन्न क्षेत्रों में काम करने आए लोगों की संख्या हजारों में है। इनमें से कई लोग जिला के औद्योगिक क्षेत्र मैहतपुर, टाहलीवाल, गगरेट, अम्ब, ईट भट्ठों तथा मकान बनाने में, खेतों फसल के कार्य के लिए पहुंचते हैं। अब इनमें से पैतृक स्थान पर कौन किस प्रवृत्ति का व्यक्ति है या किन घटनाओं और अपराधों से जुड़ा है, यह पता लगाने के लिए जिलावासियों की ओर से किराये पर रखने वाले इन लोगों तथा कामगारों का पुलिस के पास पहचान व पते के आइडी कार्ड जमा कराने आवश्यक होते हैं, क्योंकि उनके दस्तावेजों के माध्यम से पुलिस उनके गांव का रिकॉर्ड संबंधित थाना में पूछताछ कर पुख्ता करती है।

पुलिस थाना ऊना व हरोली व संतोषगढ़ व मैहतपुर पुलिस चौकियों में अन्य राज्यों से पहुंचे लोगों का आंकड़ा 2500 के पार है। जिलावासियों को इस दिशा में सचेत रहकर पुलिस के पास किरायेदारों व कामगारों का पंजीकरण कराना चाहिए।

-अनुपम शर्मा, पुलिस अधीक्षक, ऊना।


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