भूतपूर्व सैनिकों के आश्रितों में सरकार के खिलाफ रोष
संवाद सहयोगी, ऊना : प्रदेश के भूतपूर्व सैनिकों के आश्रितों को आठ महीने के बाद भी जेबीटी में नियुक्ति
संवाद सहयोगी, ऊना : प्रदेश के भूतपूर्व सैनिकों के आश्रितों को आठ महीने के बाद भी जेबीटी में नियुक्ति के लिए नॉन अवलेबल सर्टिफिकेट (एनएसी) नहीं दी गई है। इससे प्रदेशभर के भूतपूर्व सैनिकों के आश्रित निराश हैं। इस संबंध में भूतपूर्व सैनिकों के आश्रितों का प्रतिनिधिमंडल आठ माह में कई बार मुख्यमंत्री से मिल चुका है, लेकिन हर बार आश्वासन दिया गया कि जल्द नियुक्ति होगी, मगर अभी तक ये नियुक्ति नहीं हुई। इनका कहना है कि सरकार जेबीटी की नई 700 सीटें भरने जा रही है। मगर पिछली 600 में से 100 से ज्यादा सीटें अभी तक नहीं भरी गई। प्रदेश सरकार भूतपूर्व सैनिक व आश्रितों के प्रति बिल्कुल भी गंभीर नहीं है तभी उनकी बात पर अमल नहीं किया जा रहा है। प्रदेश सरकार हर वर्ग के हित के लिए काम करने की दावा करती है, लेकिन भूतपूर्व सैनिकों के आश्रितों के बार-बार अपनी समस्या को मुख्यमंत्री के समक्ष रखने के बाद भी सिर्फ झूठे आश्वासन ही मिले हैं। इनका कहना है कि भूतपूर्व सैनिक रोजगार नीति में साफ लिखा है कि यदि आरक्षित पद के लिए पात्र उम्मीदवार मौजूद नहीं हैं तो सैनिक कल्याण निदेशक उसी समय आश्रितों की नियुक्ति के लिए एनएसी दें। भूतपूर्व सैनिकों के आश्रितों में अमर, भंडारी, विनोद ठाकुर, डिम्पल, नीलम, कश्मीर, देव, दर्शन, सुनील कुमार, सुमन, भूपेंद्र वशिष्ट, अमित, राकेश कुमार, नितिन, प्रदीप कुमार, पवन कुमार, दीपक शामिल हैं।