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कैदियों को दी अधिकारों की जानकारी

संवाद सहयोगी, मैहतपुर : राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण शिमला के सौजन्य से रविवार को जिला विधिक सेवा प्

By Edited By: Published: Sun, 22 Jan 2017 05:17 PM (IST)Updated: Sun, 22 Jan 2017 05:17 PM (IST)
कैदियों को दी अधिकारों की जानकारी
कैदियों को दी अधिकारों की जानकारी

संवाद सहयोगी, मैहतपुर : राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण शिमला के सौजन्य से रविवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऊना द्वारा जिला कारागार बनगढ़ में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता सिविल जज कोर्ट नंबर-4 आर मिहुल शर्मा ने की। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 22 के तहत पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए व्यक्ति को 24 घंटे के भीतर जज के पास पेश करना पड़ता है, जबकि हिरासत में लिए गए व्यक्ति के परिजनों एवं रिश्तेदारों को भी 24 घंटे के भीतर ही इस बारे में पुलिस को सूचित करना जरूरी होता है। यदि ऐसे व्यक्ति के पास वकील न हो तो अपने मामले की पैरवी करने के लिए सरकारी वकील भी मुहैया करवाया जाता है। उन्होंने बताया कि हिरासत में लिए गए विचाराधीन व्यक्ति को तब तक अपराधी नहीं कहा जा सकता जब तक उस व्यक्ति का अपराध साबित नहीं हो जाता। यदि किसी अपराधी को 18 या इससे अधिक माह की सजा हो तो ऐसे व्यक्ति को पैरोल पर जाने की अनुमति दी जा सकती है। बशर्ते उस व्यक्ति ने अपनी सजा का एक तिहाई हिस्सा जेल में काट लिया हो। इसके अलावा जेल में बंदियों का समय-समय पर मेडिकल चैकअप भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि यदि कोई विचाराधीन अपराधी जेल से छूट जाता है तो ऐसे लोगों को जीवन में ऐसा कोई भी अपराध भरा कार्य नहीं करना चाहिए ताकि उन्हें दोबारा जेल में आना पड़े। इस अवसर पर अधिवक्ता अजय कंवर व गौरव कौशल ने भी विभिन्न कानूनी प्रावधानों के बारे में जागरूक किया। इस मौके पर डीएसपी कारागार अनिल कुमार सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।


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