हिमाचल के लिए चले माल गाड़ी
संवाद सहयोगी, मैहतपुर : हिमाचल प्रदेश को मालगाड़ी देने की मांग लंबे समय से कागजों तक सिमट कर रह चुकी
संवाद सहयोगी, मैहतपुर : हिमाचल प्रदेश को मालगाड़ी देने की मांग लंबे समय से कागजों तक सिमट कर रह चुकी है। गांव लोअर देहला के प्रधान देवेंद्र कौशल, जखेड़ा के मो¨हद्र छिबड़, पूर्व प्रधान सतीश कुमार, विवेक कर्ण मैनन, रणजीत ¨सह व सतीश शुक्ला आदि ने इस मांग को सांसद अनुराग ठाकुर व प्रदेश सरकार के समक्ष उठाया है। इससे पूर्व 1972 में तत्कालीन रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा ने नींव पत्थर रखा था। 43 साल के बाद भी केवल 42 किलोमीटर ही लाइन बनी है। उसमें भी ऊना तक ही रेल विद्युतीकरण हुआ है। माल गाड़ी तो दूर, इंजन बदलने की समस्या के चलते अन्य गाड़ियां भी अम्ब से नहीं चलाई जा रही हैं। प्रदेश को अनाज, खाद, कोयला तथा सीमेंट आदि जरूरी वस्तुएं पंजाब तथा चंडीगढ़ आदि शहरों से माल वाहकों द्वारा लाई जा रही हैं। यदि वही वस्तुएं माल गाड़ी से राज्य में आएं तो प्रदेश के लोगों की आर्थिकी में काफी सुधार होगा। ऊना रेलवे स्टेशन में तो साइ¨डग के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। राये मैहतपुर तथा अम्ब में भी जगह उपलब्ध नहीं है। राये मैहतपुर में रेलवे द्वारा साइ¨डग प्रावधान रखा भी गया था, लेकिन राज्य के किसी राजनेता द्वारा माल गाड़ी की मांग न करने पर बाद वह प्रावधान समाप्त कर दिया गया है। रेलवे नियमों के अनुसार 50 किलोमीटर की दूरी तक रियायती रेट पर सामान ले जाने की सुविधा है, जिससे नया नंगल कारखाने से खाद काफी सस्ते रेट पर प्रदेश में मंगवाई जा सकती है। साथ ही प्रदेश के माल वाहकों तथा संबंधित कार्यो से प्रदेश के युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। मैहतपुर के उद्योगपति अनिल सपाटिया ने कहा कि कीरतपुर साहिब में प्रदेश सरकार द्वारा डंप बनाया गया है, जो माल भाड़ा ज्यादा होने से उद्योगपतियों को लाभकारी सिद्ध नहीं हो रहा है। इस बारे में हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर से मालगाड़ी का मुद्दा उठाया गया था।