पोती के जन्मदिवस पर लगाया भंडारा
नवीन महेश, टाहलीवाल कम लिंगानुपात के लिए ऊना यूं तो बदनाम है पर कुछ ऐसे प्रयास गत समय से हो रहे है
नवीन महेश, टाहलीवाल
कम लिंगानुपात के लिए ऊना यूं तो बदनाम है पर कुछ ऐसे प्रयास गत समय से हो रहे हैं, जिससे लगने लगा है कि अब लोगों की संकीर्ण मानसिकता में सुधार आया है। इसका एक सुखद अनुभव जसवीर ¨सह का प्रयास करवाता है। उन्होंने पोती के जन्मदिवस पर भंडारे का आयोजन किया। पोती के जन्म पर दादा बनने की उनकी खुशी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने गांव सहित आसपास के क्षेत्र को भी भोजन करवाया। इस बड़े पैमाने के आयोजन से दो तरह के संदेश दूर तक गए। जिनमें घर में बेटी के आने की प्रसन्नता और दूसरा बेटियों के प्रति सोच को बदलने की बात। जसवीर ने पोती के पहले जन्मदिन पर स्थानीय लखदाता मंदिर में भंडारे का आयोजन किया। इस अवसर पर गांव के महिला मंडल द्वारा लखदाता मंदिर में भजन कीर्तन भी किया गया। परिवार के सदस्यों द्वारा किसी भी तरह का लेनदेन नहीं किया गया। जसवीर ¨सह ने कहा कि बेटियां किसी से कम नहीं हैं। बेटी और बेटे की परवरिश अच्छी तरह से करनी चाहिए। यदि संस्कार अच्छे होंगे तो बेटी भी बेटे की तरह अभिभावकों का ध्यान रखेगी और हर जिम्मेदारी को निभाएगी। वर्तमान में समाज में बेटियों को लेकर सोच ठीक नहीं है। यही कारण है कि ऊना का नाम देश भर में खराब हुआ है। हम सभी को इस साख को सुधारने में प्रयास करने होंगे। उनके लिए खुशी किसी बेटे से कम नहीं है बल्कि उसके जन्म पर एक लड़के से भी अधिक खुशी मिली। उन्होंने उसका नाम भी खुशी रखा है, जो कि सभी को अपनी मुस्कान से खुश रखती है।