शिक्षक बोले, मुंह व चरित्र गंदा करने की साजिश
संवाद सहयोगी, ऊना : सरकारी स्कूल के एक अध्यापक पर छात्रा से छेड़छाड़ के विरोध में ऊना के शिक्षक उग्
संवाद सहयोगी, ऊना : सरकारी स्कूल के एक अध्यापक पर छात्रा से छेड़छाड़ के विरोध में ऊना के शिक्षक उग्र हो गए हैं। लगातार गर्मा रहे इस मामले के विरोध में शिक्षक संगठनों ने दो टूक कहा है कि ऐसे प्रकरण अध्यापकों के मुंह और चरित्र को गंदा करने की साजिश भरे हैं।
शनिवार को ऊना के एमसी पार्क में विभिन्न शिक्षक संघ एक मंच पर आए। शिक्षक संघों के निशाने पर प्रशासन और पुलिस विभाग की व्यवस्था रही। शिक्षक को न्याय दिलाने के लिए संघों ने संयुक्त समन्वय समिति का गठन किया और इसका अध्यक्ष कमल किशोर को नियुक्त किया। जबकि बाद में शहरभर में रैली निकालकर प्रदर्शन किया। इसके बाद कार्यकारी उपायुक्त एवं एडीएम राजेश मारिया के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेजा। जबकि फैसला लिया गया कि 24 जनवरी को शिक्षक संघ एक बार फिर जिला मुख्यालय में एकत्रित होंगे और इस मामले के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन के साथ रैली निकालेंगे। शिक्षकों ने कहा कि इस मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप हो रहा है, हालांकि मामला कुछ भी नहीं है। अब यह लड़ाई एक शिक्षक नहीं बल्कि समस्त अध्यापक समुदाय की है, क्योंकि अगर ऐसा चलता रहा तो उनके लिए पढ़ाना मुश्किल होगा।
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परेशानी में उठा सकता है अध्यापक गलत कदम
शिक्षक संघ के अध्यापक सदस्यों का कहना है कि इस मामले में पड़ रहे राजनीतिक दबाव, पुलिस विभाग की लचर कार्यप्रणाली व जिला प्रशासन की ओर से कोई भी सख्त कदम न उठाने पर पीड़ित अध्यापक व उसका परिवार में कोई अनहोनी भरा गलत कदम उठा सकता है। क्योंकि इसी तरह क्षेत्रीय अस्पताल में एक चिकित्सक के साथ ऐसा हो चुका है, जो प्रशासन के लिए जीता जागता उदाहरण है। जिला ऊना में 95 राजकीय माध्यमिक, 48 उच्च, 199 वरिष्ठ माध्यमिक व 520 प्राथमिक विद्यालय हैं।
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यह है विवाद
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जखेड़ा में दिसंबर में एक शिक्षक के खिलाफ छात्रा ने छेड़छाड़ के आरोप लगाए थे। इसके बाद मामला पुलिस के पास पहुंचा और पोस्को एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया। अब उक्त शिक्षक 27 जनवरी तक जमानत पर रिहा है। इस प्रकरण को लेकर स्कूल सहित जिला के समस्त शिक्षक विरोध में उतर आए हैं। महज द्वेष के इस मामले को अन्य रूप देने पर शिक्षक संघों ने विरोध का बिगुल बजा रखा है।
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आधारहीन आरोपों के घिरे शिक्षक को न्याय दिलाने के लिए सभी अध्यापक व प्राध्यापक संघों के सदस्य स्कूलों में हड़ताल करेंगे। इस कारण जिलाभर के विद्यालय एक दिन के लिए बंद रहेंगे। अगर जिला प्रशासन व सरकार की ओर से इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं की जाती है तो शिक्षक संघों के सदस्य इस कड़ी में उग्र आंदोलन भी कर सकते हैं। इसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन व सरकार की होंगी।
- बल¨वद्र ¨सह बैंस, अध्यक्ष जिला राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ऊना।
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पीड़ित अध्यापक के पक्ष में अगर सभी स्कूलों के अध्यापक एकजुट होंगे तो जिला प्रशासन के साथ सरकार भी झुकेगी और तभी पीड़ित अध्यापक को न्याय मिल सकता है। अन्यथा इस मामले में हो रही राजनीति व एक तरफ जांच तथा पुरानी रंजिश को बढ़ावा मिलेगा। इसलिए सभी अध्यापक साथियों से अनुरोध है कि इस मामले में पीड़ित अध्यापक के पक्ष में आकर उसकी मदद करें।
-विनोद बन्याल, अध्यक्ष प्रदेश स्कूल प्राध्यापक संघ।
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सरकारी स्कूल के एक शिक्षक पर बिना किसी तथ्य के मामला दर्ज किया गया है। लेकिन पुलिस विभाग की ओर से एक तरफा कार्रवाई अध्यापकों की सुरक्षा कमजोर होती जा रही है। इसलिए सभी अध्यापक अगर एकजुटता दिखाएं तभी इस मामले को हल किया जा सकता है। अन्यथा आज एक अध्यापक के साथ ऐसा हुआ है कल कोई अन्य अध्यापक भी ऐसे तथ्यहीन मामले की चपेट में आ सकते है।
- डॉ. राजेश कौशल, सचिव प्रवक्ता संघ।
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सरकारी स्कूल के एक अच्छी छवि वाले अध्यापक पर झूठे आरोप लगने व पुलिस विभाग तथा प्रशासन द्वारा लचर प्रणाली अपनाने पर सभी शिक्षक संघ सकते में है। जिला प्रशासन, सरकार व पुलिस विभाग द्वारा एक तरफा कार्रवाई करने से पीड़ित अध्यापक व उसका परिवार काफी दबाव में है। अगर इस दौरान पीड़ित अध्यापक व उसका परिवार में कोई अनहोनी होती है तो अध्यापक संघ के सदस्य पूरी तरह भड़क उठेंगे और जिसके बाद होने वाले प्रदर्शनों व आंदोलन की जिम्मेदारी प्रशासन, सरकार व पुलिस विभाग की होगी।
-संजीव कुमार, अध्यक्ष राजकीय अध्यापक संघ जिला ऊना।