गगरेट बस अड्डा बना सफेद हाथी
जागरण संवाददाता, गगरेट : करोड़ों रुपये खर्च करके गगरेट कस्बे में बनाया गया बस अड्डा सफेद हाथी साबित ह
जागरण संवाददाता, गगरेट : करोड़ों रुपये खर्च करके गगरेट कस्बे में बनाया गया बस अड्डा सफेद हाथी साबित हो रहा है। कस्बे के गुजरने वाली अधिकांश बसें बस अड्डे पर आ ही नहीं रही हैं। बस चालक भी बसों को बस अड्डे में लाने की बजाय यात्रियों को मुख्य चौक पर ही उतार-चढ़ा रहे हैं, लेकिन न तो इसका संज्ञान नगर पंचायत द्वारा लिया जा रहा है और न ही नो पार्किग जोन में यात्रियों को उतार-चढ़ा रहे बस चालकों पर पुलिस सख्ती बरत रही है। पंजाब से प्रदेश के विभिन्न हिस्सों को चलने वाली बसें चाहे वे पंजाब रोडवेज की हो या फिर हिमाचल पथ परिवहन निगम की, एक भी बस अड्डे में न तो जाती है और न ही बस अड्डे के पास खड़ी होती है। हालांकि नगर पंचायत गगरेट द्वारा पूर्व प्रदेश सरकार के कार्यकाल में करोड़ों रुपये की लागत से गगरेट में भव्य बस अड्डे का निर्माण किया गया था लेकिन बस अड्डे में बसों का न आना अपने आप में एक सवाल है। नगर पंचायत गगरेट द्वारा हर साल बस अड्डा प्रवेश शुल्क एकत्रित करने के लिए नीलामी की जाती है लेकिन नीलामी लेने वाले ठेकेदार को भी शुल्क एकत्रित करने के लिए बसों के पीछे भागना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों आशीष कुमार, रजत कुमार, विवेक शर्मा व विकास शर्मा ने प्रशासन से मांग की है कि बस अड्डा अपनी सार्थकता न खोए इसके लिए यहां से गुजरने वाली प्रत्येक यात्री बस का यहां ठहराव सुनिश्चित किया जाए। उधर, नगर पंचायत सचिव सतीश ठाकुर का कहना है कि इस बावत वह कई बार पुलिस प्रशासन से लिखित तौर पर गुहार कर चुके हैं। अगर यातायात पुलिस नो पार्किग जोन में खड़ी हो रही बसों का चालान करे तो सभी बस चालक बसों को लेकर बस अड्डा पर पहुंचेंगे। वहीं यातायात पुलिस प्रभारी सुशील कुमार का कहना है कि तमाम बस चालकों को आदेश जारी कर बसें बस अड्डे पर ले जाने के लिए कहा गया है। अगर कोई बस चालक इन आदेशों की अवहेलना करेगा तो उसके विरुद्ध कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।