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मजबूरी है खुले में शौच जाना

सुरेश बसन, ऊना राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मंदली में अनेक राज्यस्तरीय आयोजन होते रहते हैं। एनएस

By Edited By: Published: Thu, 26 Nov 2015 01:02 AM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2015 01:02 AM (IST)
मजबूरी है खुले में शौच जाना

सुरेश बसन, ऊना

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राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मंदली में अनेक राज्यस्तरीय आयोजन होते रहते हैं। एनएससी और एनएसएस के राज्यस्तरीय प्रशिक्षण शिविर इसी स्कूल में आयोजित किए जाते हैं। इन शिविरों में सैकड़ों विद्यार्थी हिस्सा लेते हैं। स्कूल का खुला मैदान और शानदार भवन तो यहां राज्यस्तरीय आयोजनों के लिए सबको आकर्षित करता है, लेकिन शौचालय की व्यवस्था सही नहीं है। स्कूल में मात्र तीन शौचालय हैं जो 400-450 विद्याíथयों व स्टाफ के लिए पर्याप्त नहीं हैं।

मंदली स्कूल में 21 से 25 नवंबर तक राज्यस्तरीय एनएसएस शिविर का आयोजन किया गया। इसमें प्रदेश के छह जिलों के करीब 400 स्वयंसेवियों ने हिस्सा लिया। स्कूल प्रबंधन ने हालांकि लड़कियों के लिए तो जैसे-तैसे शौचालय की व्यवस्था कर दी, लेकिन लड़कों को परेशानी का सामना करना पड़ा। करीब 200 लड़कों को खुले में शौच जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। पंचायतों को खुले में शौचमुक्त करने के लिए राष्ट्र स्तरीय अभियान चलाया जा रहा है। जिस पंचायत में हर घर में शौचालय हो उसे सम्मानित भी किया जाता है, लेकिन यहां पर तीन शौचालयों से विद्यार्थी और स्टाफ जैसे-तैसे गुजारा कर रहे हैं।

वहीं कुछ स्वयंसेवियों ने बताया कि स्कूल प्रबंधन की ओर से बाकी की व्यवस्था को बढि़या की गई थी, परंतु उन्हें शौच के लिए खेतों या जंगल की ओर जाना पड़ा। स्कूल में मात्र तीन शौचालय हैं जो लड़कियों के लिए नाकाफी थे। शिक्षा विभाग को चाहिए कि यहां कम से कम 10 शौचालय बनाए जाएं।

प्रधानाचार्य से विभाग को प्रस्ताव भेजने के लिए कहा जाएगा

'मंदली स्कूल में शौचालय की दिक्कत है। किसी भी कैंप के लिए प्राइमरी स्कूल के शौचालय इस्तेमाल किए जाते हैं। कुछ शौचालय जर्जर हालत में हैं इस वजह से यह परेशानी हो रही है। स्कूल में शौचालय बनाने के लिए प्रधानाचार्य से विभाग को प्रस्ताव भेजने के लिए कहा जाएगा। इस संबंध में जिला प्रशासन से भी बात की जाएगी।'

- विपिन शर्मा, शिक्षा उपनिदेशक उच्च, ऊना।


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