सामाजिक सरोकार निभा रहा मंदिर न्यास
संवाद सहयोगी, ¨चतपूर्णी : पारंपरिक जल स्रोतों के जीर्णोद्वार में मंदिर न्यास ¨चतपूर्णी अहम योगदान दे
संवाद सहयोगी, ¨चतपूर्णी : पारंपरिक जल स्रोतों के जीर्णोद्वार में मंदिर न्यास ¨चतपूर्णी अहम योगदान दे रहा है। इनके रख-रखाव में मंदिर न्यास, ¨चतपूर्णी ने सकारात्मक भूमिका निभाई है। वहीं, ¨चतपूर्णी एक पेयजल परियोजना न्यास के सौजन्य से ही बनी है। बेशक ¨चतपूर्णी क्षेत्र में पेयजल के लिए पांरपरिक जल स्रोतों का उपयोग बेशक आधुनिक जीवन शैली में कम हुआ है, लेकिन बावजूद इसके अभी तक अस्सी फीसद से ज्यादा ऐसे जल स्रोत सुरक्षित हैं। स्थानीय पंचायतों की मदद से भी इनका रखरखाव करने में मदद मिली है। मंदिर न्यास ने क्षेत्र की तीन पंचायतों को ऐसे पारंपरिक स्रोतों के लिए धन उपलब्ध करवाया है, तो गंगोट पंचायत में दो लाख रुपये से वर्षो पुराने कुएं का जीर्णोद्वार करवाया। छपरोह पंचायत में भी न्यास एक प्राचीन कुएं की मरम्मत पर एक लाख रुपये से ज्यादा का खर्च उठाया है। पेयजल के महत्व को देखते हुए न्यास ने अपने खर्च से अमोकला प्रीतम में पारंपरिक जल स्रोत से उठाऊ पेयजल परियोजना का निर्माण करवाया। इस पर करीब अस्सी लाख रुपये का खर्च आया है।
वहीं, मंदिर अधिकारी सुभाष चौहान का कहना है कि मंदिर न्यास पंचायतों को पारंपरिक जल स्रोतों के रखरखाव के लिए मदद करता है। न्यास की इस वर्ष भी योजना है कि क्षेत्र के जल स्रोतों को बचाने के लिए आर्थिक योगदान दिया जाएगा।