हत्या नहीं, हादसे में हुई थी कमांडो की मौत
संवाद सहयोगी, गगरेट : विकास खंड गगरेट के जोह गांव के जंगल में मृत मिले एनएसजी कमांडो यशपाल के मामले
संवाद सहयोगी, गगरेट : विकास खंड गगरेट के जोह गांव के जंगल में मृत मिले एनएसजी कमांडो यशपाल के मामले में नया मोड़ आ गया है। मामले की जांच कर रही सीबीआइ इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि यह हत्या का मामला नहीं है। सीबीआइ ने जांच में पाया है कि यशपाल की मौत दुर्घटनावश गिरने से हुई थी। इसी के आधार पर अब सीबीआइ ने इस मामले में सीआर (केंसलेशन रिपोर्ट) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
कांगड़ा जिला के सीमावर्ती गांव स्वाणा के रहने वाले एनएसजी कमांडो यशपाल का शव खून से लथपथ जोह गांव के जंगल में 15 फरवरी 2013 को मिला था। उस समय पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर हत्या का मामला दर्ज किया था। हालांकि पुलिस यशपाल के हत्यारों को नहीं ढूंढ पाई थी। पुलिस के उच्च अधिकारियों ने इस मामले में आरोपियों का सुराग देने वाले को 50 हजार रुपये नकद पुरस्कार देने की घोषणा की थी। हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) का गठन भी किया गया था। हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया था। काफी प्रयासों के बाद भी जब पुलिस इस हत्याकांड की गुत्थी को नहीं सुलझा पाई तो कमांडो के पिता ने उच्च न्यायालय में मामला सीबीआइ के सुपुर्द करने की गुहार लगाई। इस पर उच्च न्यायालय ने यह मामला सीबीआइ के हवाले कर दिया। काफी जद्दोजहद के बाद सीबीआइ अब इस नतीजे पर पहुंची है कि कमांडो यशपाल की हत्या नहीं हुई थी बल्कि उनकी मौत ढांक से दुर्घटनावश गिरने से ही हुई थी। इस रिपोर्ट के आधार पर सीबीआइ ने अब इस मामले में सीआर तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की है। सीबीआइ के एक उच्च अधिकारी ने माना कि जांच पूरी होने पर हत्या की बात सामने नहीं आई है।