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मलाईदार विभागों में उपहारों की भरमार

जागरण टीम, ऊना : उपहारों के लिए सरकारी कार्यालयों में इस कद्र मारामारी और भूख की शायद साल के बाद उन्

By Edited By: Published: Thu, 23 Oct 2014 01:24 AM (IST)Updated: Thu, 23 Oct 2014 01:24 AM (IST)
मलाईदार विभागों में उपहारों की भरमार

जागरण टीम, ऊना : उपहारों के लिए सरकारी कार्यालयों में इस कद्र मारामारी और भूख की शायद साल के बाद उन्हें बहुत बड़ी सौगात मिलने जा रही हो। अधिकांश सरकारी विभागों में दीवाली को लेकर उपहारों की संस्कृति जारी रही। खास विभागों के खास अधिकारियों की तो मौज थी। बेरोकटोक अधिकारियों के कमरों में उपहार भरे जा रहे थे और कुछ तो घरों तक भी पहुंच रहे थे।

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मीडिया को रोकने के लिए सूमो पहलवान

ऊना में आबकारी एवं कराधान विभाग में मीडिया को रोकने के लिए विभाग के ही कुछ लोग सूमो पहलवानों की भूमिका में थे। कार्यालय में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की गतिविधि पर ये नजर रख रहे थे। दैनिक जागरण की टीम जब छानबीन कर रही थी तो एक कर्मचारी जो आइटी विभाग से जुड़ा बताया जा रहा है वह मीडिया कर्मी से उलझ पड़ा। काफी हंगामा करने के बाद मामला शांत हुआ। कर्मचारी इतना बौखला गया कि मीडिया कर्मचारी से छीना झपटी पर उतारू हो गया।

मलाईदार विभागों की मौज

जिले में मलाईदार विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों की मौज रही। आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रमुख अधिकारी कार्यालयों में मौजूद नहीं थे, लेकिन वहां मौजूद अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपहार देने वालों को खुद गिफ्ट पहुंचाने का तरीका बता रहे थे। यहां तक की दो-तीन कर्मचारी सरेआम उपहारों का आदान-प्रदान कर रहे थे। उद्योग विभाग में भी ऐसी स्थिति नजर आ रही थी। आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकांश कर्मचारी उपहार देने वालों को पूरी मुस्तैदी के साथ कार्यालय तक पहुंचा रहे थे। सुबह से शाम तक यह सिलसिला जारी रहा।

रात के अंधेरे में घरों में पहुंचाए उपहार

अधिकांश मलाईदार विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों के पास इतनी मात्रा में उपहार एकत्रित हो गए कि उन्हें सरकारी कार्यालयों से गिफ्ट अपने वाहनों तक पहुंचाने के लिए अंधेरे का इंतजार करना पड़ा। कई अधिकारियों के घरों तक सरकारी वाहनों में उपहार पहुंचाए गए। कई अधिकारियों ने तो अपने कार्यालय की अलमारियों व कमरों को उपहारों से इस तरह से भरा हुआ था कि मानों कार्यालय बुधवार को महज गिफ्ट एकत्रित करने के लिए ही खुले थे।

अधिकारियों के घरों की तलाश

बुधवार को अधिकांश कंपनियों के प्रतिनिधि व प्रमुख ठेकेदार अधिकारियों के आवासों में उपहार लेकर पहुंच रहे थे। दैनिक जागरण टीम ने ऊना शहर के आसपास सरकारी अधिकारियों के निजी आवासों पर भी नजर रखी। इस दौरान कुछ कंपनियों के प्रतिनिधियों और ठेकेदारों को अधिकारियों के आवासों में उपहार ले जाते देखा गया।

सरकारी अधिकारियों व कर्मियों को उपहार देने की गलत परंपरा

समाजसेवी ओपी कहोल व राजेंद्र शर्मा का कहना है कि सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा उपहार लेना गलत परंपरा है। जिन कंपनियों का कंट्रोल उनके हाथ में होता है उनसे उपहार लेकर वे किसी न किसी तरह से कंपनियों के दबाव में रहते हैं। ऐसी संस्कृति व परंपरा बंद होनी चाहिए। इसकी आड़ में भ्रष्टाचार होने की अधिक संभावना रहती है।


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