सुअर-बंदरों के डर से काट ली कच्ची फसल
संवाद सूत्र, बंगाणा : कुटलैहड़ और चितंपूर्णी हलके के किसान जंगली सुअरों और बंदरों के आतंक से परेशान हैं। फसल उजड़ने के डर से कई क्षेत्रों में किसानों ने मक्की की कच्ची फसल ही काट ली है। मक्की के साथ-साथ ये जंगली जानवर नाशपाती व फलों को भी नहीं छोड़ रहे हैं।
तलमेहड़ा पंचायत की प्रधान पूनम देवी, प्रधान डीहर त्रिशला देवी, प्रधान टकोली कंचना देवी, प्रधान चौकीमन्यार राजकुमारी, प्रधान जोल चंद्र रेखा, प्रधान अरलू सरोज कुमारी, प्रधान बलखालसा ब्रह्माी देवी, प्रधान बुडार आशा देवी, प्रधान धुंधला उर्मा देवी, प्रधान ढयूंगली नीलम कुमारी, प्रधान हटली ऊषा देवी, जसाणा प्रधान राज कुमारी, प्रधान करमाली रचना देवी, प्रधान मलागढ तृप्ता देवी, प्रधान मोममन्यार रमना कुमारी, प्रधान पिपलू कमलेश कुमारी, प्रधान परोइयां कंला पुष्पा देवी, प्रधान रायपुर राम प्यारी, प्रधान सिहाणा नीशा देवी, प्रधान थानाकंला उर्मिला देवी, प्रधान बडूही मेहर चंद, प्रधान बैरिया सुभाष चंद, प्रधान सोहारी पवन ठाकुर, प्रधान चौली सुखदेव सिंह, प्रधान अमबेहडां जगदीश चंद, प्रधान बोहरू केवल सिह, प्रधान बुधान शिव नाथ, प्रधान चमयाडी गंगा राम, प्रधान छपरोह कला होशियार सिहं, प्रधान धनेत रमेश चंद, प्रधान डोहगी कुलदीप चंद, प्रधान लठियाणी महिंद्र सिंह, प्रधान मंदली महिंद्र पाल, प्रधान मुच्छाली चंद्र कुमार, प्रधान सुकडयाल राजेंद्र कुमार, प्रधान तनोह गुरदेव सिंह, प्रधान टिहरा मदन लाल, प्रधान पलाहटा मथूरा राम, आदि गावों में जंगली सुअर और बंदरों ने किसान बागवानों का जीना हराम कर रखा है। रात होते ही जंगली सुअर मक्की के खेतों में धावा बोल देते हैं और फसल को बुरी तरह बर्बाद कर देते हैं। किसानों ने सरकार से माग की है कि बंदरों और जंगली सुअरों से उनकी फ सलों की रक्षा की जाए या उन्हें इसका उचित मुआवजा दिया जाए।