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..बाबू जी जरा संभल के चलना

By Edited By: Published: Mon, 15 Sep 2014 01:01 AM (IST)Updated: Mon, 15 Sep 2014 01:01 AM (IST)
..बाबू जी जरा संभल के चलना

संवाद सहयोगी, चिंतपूर्णी : साहब, मैं भरवाई-गंगोट-समनोली बाईपास हूं। अरे, वही मार्ग जिस पर चिंतपूर्णी मंदिर न्यास ने करीब चार करोड़ रुपये खर्च किए थे ताकि मेरे निर्माण के बाद श्रद्धालुओं व आसपास के 10 गांवों के लोगों को बेहतर यातायात सुविधा मिल सके।

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जिस तरीके से बाईपास का डिजाइन तैयार किया गया था, उसके साथ ही मैं विचलित होना शुरू हो गया था। इसके बावजूद मार्ग पर आते-जाते वाहनों की रौनक से मन प्रफुल्लित हुआ करता था। प्रारंभिक दौर में मेले व भीड़ भरे दिनों में जब मेरा उपयोग होता था तो मन को अजीब सुकून मिलता था। सावन अष्टमी मेले में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मैं अहम भूमिका अदा करता रहा हूं। वहीं, रविवार व अवकाश के दिनों में मुख्य बाजार में लाइनें होने के कारण समनोली, चमारड़ा, बैह-टोंटा, नारी गांवों व अस्पताल जाने वाले लोगों के लिए वरदान साबित होता रहा हूं। अब वक्त के साथ मेरी जर्जर हालत पर कोई भी तरस खाने को तैयार नहीं है। दरअसल मुझे बनाने वाला मंदिर न्यास ही मेरे प्रति उदासीन हो गया है। मंदिर न्यास ने करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद मेरी तरफ ध्यान ही नहीं दिया। बाईपास के अंतिम छोर पर कोर्ट में केस या चालान होने के कारण मेरा प्रयोग करने वाले वाहन चालक बुरी तरह परेशान होते हैं। इस छोटे से हिस्से में वाहनों के पलट जाने का भी खतरा हमेशा रहता है। इस मार्ग पर जरा संभल कर चलना पड़ता है। मंदिर न्यास की तरफ से इस संदर्भ में कोशिश की जाती तो यह मामला कब का निपट गया होता। इतना ही नहीं अब मेरे मार्ग पर जगह-जगह गड्ढे पड़ चुके हैं। कई जगह पर तो हालत इतनी खस्ता हो गई है कि वाहन तो क्या पैदल चलना तक मुश्किल है। मुझे एक बात समझ नहीं आती कि अगर मंदिर न्यास ने तकनीकी स्टाफ रखा है तो फिर क्यों मार्गो की देखभाल या मरम्मत का जिम्मा न्यास नहीं लेता है। अब एक फिर शारदीय नवरात्र मेला सिर पर है। लाजिमी तौर पर इन नवरात्र में भी मेरा इस्तेमाल किया जाएगा। मेरी हालत इतनी अच्छी नहीं है कि मैं यातायात के बोझ को संभालने में सक्षम हो पाऊं। चूंकि सड़क के बीच पड़े गड्ढों से वाहन चालकों का संतुलन बिगड़ रहा है। ऐसे में डर रहा हूं कि कोई बड़ी दुर्घटना हो गई तो कसूरवार मुझे ही ठहराया जाएगा। बहरहाल मैं मरम्मत का इंतजार कर रहा हूं लेकिन मुझे यकीन हो चला है कि पहले की तरह लीपापोती करके इस बार भी मेले को गुजार दिया जाएगा और मुझे मेरे हाल पर फिर से छोड़ दिया जाएगा।

बाईपास की हालत जल्द सुधरेगी

कोर्ट में मामला विचाराधीन होने के कारण बाईपास की मरम्मत व रखरखाव में कुछ दिक्कतें आ रही हैं। इसके बावजूद मंदिर न्यास बाईपास की हालत को लेकर गंभीर है। बाईपास की हालत में जल्द सुधार किया जाएगा।

सुभाष चौहान, मंदिर अधिकारी


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