कच्ची है शहीद के गांव की सड़क
राकेश राणा, भिंडला
जिस गांव में शहीद के नाम पर एक राजनेता ने घोषणा की थी आज उस गांव के लोग स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। इस गांव के लिए एक सड़क को पक्का करने की स्वीकृति दी गई थी और सड़क का नामकरण शहीद के नाम पर किया गया था। इस मार्ग के सुधार के लिए राजनेता ने बाकायदा गांव में पहुंचकर घोषणा की थी, लेकिन आज तक वह घोषणा जमीन पर नहीं उतर पाई है।
कुछ साल पहले इस गाव का बेटा विजय कुमार कारगिल युद्ध में शहीद हुआ था। उसके नाम से सरकार व प्रशासन द्वारा रोड को पक्का करने का आश्वासन दिया गया था। इस मार्ग पर शहीद के नाम का साइन बोर्ड भी लगा दिया गया था, लेकिन अभी तक सड़क पक्की नहीं हो पाई है। इसी गांव के एक और वीर सैनिक दिनेश कुमार लोहिया पुत्र मंगत राम लोहिया को पिछले दिनों त्रिपुरा में एक ऑपरेशन के दौरान तीन गोलियां लगी थीं और गोलियां लगने के बावजूद दिनेश बच गया था। देश के लोगों की सुरक्षा के लिए अपने सीने पर गोली खाने वाले सैनिक को जब छुट्टी पर भेजा गया तो क्षेत्र की मुख्य सड़क से गाव में कैसे पहुंचा होगा इस बात का अंदाजा सड़क की खस्ताहालत देखकर लगाया जा सकता है। उस दौरान विधायक कुलदीप कुमार ने भी माना था कि यह गांव पिछड़ा हुआ है और उन्होंने इसे पिछड़ा नहीं रहने देने का वादा किया था लेकिन उनका यह वादा जमीन पर नहीं उतर पाया। देश के लिए मर मिटने वाले जवानों के नाम पर बनी सड़क की दशा सुधारने के प्रति भी सरकार गंभीर नहीं है।
गौर हो कि इस गांव के अधिकांश लोग सेना में हैं अथवा कुछ सेवानिवृत्त हो चुके हैं। विधायक की घोषणा का मकसद भी शायद इन लोगों की भावनाओं का सम्मान करना था। लेकिन आज यह घोषणा उनके लिए मजाक बनकर रह गई है।
लोक निर्माण विभाग बंगाणा के अधिशाषी अभियंता दारा सिंह देहल का कहना है कि मामला उनके ध्यान में है। फं ड का प्रावधान होते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा।