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सर्वाधिक राजस्व देने वाले क्षेत्र की अनदेखी

रणेश राणा, बद्दी दून विधानसभा क्षेत्र में नेताओं की उदासीनता के चलते क्रमवार सरकारी दफ्तर उठ रहे ह

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Feb 2017 01:00 AM (IST)Updated: Sun, 26 Feb 2017 01:00 AM (IST)
सर्वाधिक राजस्व देने वाले क्षेत्र की अनदेखी
सर्वाधिक राजस्व देने वाले क्षेत्र की अनदेखी

रणेश राणा, बद्दी

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दून विधानसभा क्षेत्र में नेताओं की उदासीनता के चलते क्रमवार सरकारी दफ्तर उठ रहे हैं। आमजन से जुड़ी समस्याओं के निपटारे के लिए पंचायत प्रतिनिधियों को मीलों का सफर करना पड़ता है। खास तौर पर पंचायती राज से जुड़ी समस्याओं का हल निकालने के लिए जनप्रतिनिधियों को कसौली विस क्षेत्र के तहत धर्मपुर व नालागढ़ जाना पड़ता है।

प्रदेश में कुल 68 विधानसभा क्षेत्रों में से तीन क्षेत्र ही ऐसे है, जहा बीडीओ कार्यालय नहीं हैं। इसमें दून विधानसभा क्षेत्र भी शामिल है। दून हलके में कुल 34 पंचायतें हैं, जिनमें कुछ पंचायत नालागढ़ विकास खंड के तहत आती हैं तो लगभग 18 पंचायतों के लोगों को विकास खंड धर्मपुर जाना पड़ता है।

दून विधानसभा हलके में खंड विकास कार्यालय (बीडीओ) की माग पुरानी है, भाजपा और काग्रेस समय-समय पर इसको उठाती भी रही हैं। दोनों सरकारो ने यहा के लोगों को वोट के तौर पर इस्तेमाल करना ज्यादा मुनासिब समझा। पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल जब गत चुनावों में रैली के दौरान पट्टा महलोग आए थे तो उन्होंने कहा था कि दोबारा सत्ता में आने पर दून को बीडीओ ऑफिस की सौगात दी जाएगी। उनकी सरकार रिपीट नहीं हुई, लेकिन उस समय दून विधायक रामकुमार का भी यह चुनावी मुद्दा था। उसके बाद लगातार काग्रेस विधायक रामकुमार चौधरी ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया, लेकिन पंचायती राज मंत्री अनिल शर्मा ने दून हलके में बीडीओ कार्यालय खोलने की संभावनाओं पर गौर नहीं किया, जब स्थानीय विधायक ने इस मामले को मुख्यमंत्री से उठाया तो सीएम ने दून में बीडीओ कार्यालय खोलने का आश्वासन दिया। सरकार ने दून विस क्षेत्र के हरिपुर में बीडीओ कार्यालय खोलने की घोषणा कर दी थी, लेकिन यह भी ज्यादा दिन तक नहीं टिकी।

सरकार का तर्क था कि सोलन विस क्षेत्र में सोलन और कंडाघाट दो ब्लॉक है, इसलिए कंडाघाट बीडीओ कार्यालय को दून विधानसभा क्षेत्र में शिफ्ट किया जाए और कंडाघाट बीडीओ कार्यालय का विलय विकास खंड सोलन में किया जाए। इससे दून की जनता को काफी राहत मिलनी थी, लेकिन इस बात पर कंडाघाट की काग्रेस भड़क उठी थी और मंत्री के हस्तक्षेप से कंडाघाट का बीडीओ ऑफिस दून शिफ्ट नहीं हो सका, जिसका खामियाजा आज लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

दून हलके से हो रहा भेदभाव : पूर्व विधायक

दून की पूर्व विधायक विनोद चंदेल, भाजपा मंडलाध्यक्ष बलबीर ठाकुर, प्रदेश सदस्य श्रीकात शर्मा, डीआर चंदेल, जिला सचिव बलिवंद्र ठाकुर, हसराज चंदेल, परमजीत सिंह पम्मी, जसवंत चौधरी, प्रवक्ता तरसेम चौधरी व संजीव कौशल ने कहा कि काग्रेस सरकार दून हलके के लोगों से भेदभाव करती आ रही है, जिसका जीता-जागता उदाहरण यहा से आरटीओ कार्यालय को शिफ्ट करना है। वक्त व जनता की जरूरत है कि सरकार को समय रहते बद्दी में बीडीओ कार्यालय तुरत खोल कर अपनी भूल सुधार लेनी चाहिए।


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