'भाग्यशाली वह जो कथा का श्रवण करे'
संवाद सूत्र, कंडाघाट : कंडाघाट स्थित शिवालय में शिव महापुराण कथा की व्यास गद्दी से अमृत वर्षा करते ह
संवाद सूत्र, कंडाघाट : कंडाघाट स्थित शिवालय में शिव महापुराण कथा की व्यास गद्दी से अमृत वर्षा करते हुए जितेंद्र शांडिल्य ने कहा कि भाग्यशाली मनुष्य वह नहीं जो भगवान के दर्शन करे अपितु वह है जो संतों व भगवान की कथा का श्रवण करते हैं। रावण ने भी भगवान शंकर के दर्शन तपस्या करके किए थे। उन्होंने हनुमान, राम लक्ष्मण व माता सीता के भी दर्शन किए। रावण चार वेदों का ज्ञाता था। उन्होंने लक्ष्मण को मरते समय उपदेश दिया था कि स्वरूपलखा के कहने पर मैंने माता सीता को पंचवटी से हरण किया था। उस समय स्वर्ग तक पहुंचने एक सीढ़ी बनाना शेष रह गई थी। मनुष्य को अपने कर्म करने से पीछे नहीं हटना चाहिए। उनसे भगवान श्रीराम को उपदेश दिया कि जैसे भाई लक्ष्मण ने तुम्हारा साथ दिया, वैसा साथ मेरा भाई देता तो मुझे पराजय का सामना न करना पड़ता। रावण सब कुछ होते भी भाग्यशाली नहीं था।