बड़े शब्दों में जेनरिक दवा लिखें चिकित्सक
जागरण संवाददाता, सोलन : दवाओं के बढ़ते व्यवसायीकरण पर प्रतिबंध लगाने के लिए अब स्वास्थ्य विभाग ने कम
जागरण संवाददाता, सोलन : दवाओं के बढ़ते व्यवसायीकरण पर प्रतिबंध लगाने के लिए अब स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त स्वास्थ्य सचिव एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक पंकज राय ने प्रदेश के सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राजकीय अस्पतालों में रोगियों को जेनरिक दवाएं लिखी जाएं। दवाओं के नाम बडे़ अक्षरों में लिखे जाएं ताकि यह मरीजों के पढ़ने में भी आ सकें और वह भी दवा की जांच परख कर सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश स्वास्थ्य विभाग मरीजों को सस्ते दामों पर दवाएं उपलब्ध करवाने के लिए गंभीर है। यह बात उन्होंने सोलन में आयोजित बैठक के दौरान प्रदेश के स्वास्थ्य पदाधिकारियों से कही। पंकज राय ने प्रदेश के विभिन्न राजकीय अस्पतालों के चिकित्सकों को साफ शब्दों में कहा कि मरीजों को सस्ते दामों पर गुणात्मक और बेहतर दवाएं उपलब्ध होनी चाहिए। प्रदेश के सभी अस्पतालों में सस्ती जेनरिक दवाएं उपलब्ध हैं, लेकिन फिर भी अब तक मरीजों की पकड़ से यह दूर हैं। चिकित्सा अधिकारियों को यह सुनिश्चित बनाना चाहिए कि रोगियों को सस्ती दवाएं सुलभ हो सके। उन्होंने कहा कि जैनरिक दवाएं लिखने के संबंध में भारतीय चिकित्सा परिषद ने विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं तथा सभी चिकित्सकों को ये निर्देश उपलब्ध करवाए जाएं। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए भारतीय जन औषधि योजना आरंभ की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के सभी क्षेत्रों में गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रयासरत हैं। मिशन निदेशक ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सभी अस्पतालों में विभिन्न परीक्षण एवं जाच निशुल्क की जाती हैं तथा यह सुनिश्चित बनाया जाना चाहिए कि रोगियों को यह सुविधाएं निशुल्क प्राप्त हो।