Move to Jagran APP

दूरदराज के क्षेत्रों के लिए स्वायत्त न्याय पंचायत जरूरी

संवाद सूत्र, अर्की : स्वायत्त न्याय पंचायत बनाने के लिए एकल नारी शक्ति संगठन की समन्वयक निर्मला चंदे

By Edited By: Published: Wed, 07 Dec 2016 06:15 PM (IST)Updated: Wed, 07 Dec 2016 06:15 PM (IST)
दूरदराज के क्षेत्रों के लिए स्वायत्त न्याय पंचायत जरूरी

संवाद सूत्र, अर्की : स्वायत्त न्याय पंचायत बनाने के लिए एकल नारी शक्ति संगठन की समन्वयक निर्मला चंदेल की अध्यक्षता में बुधवार को अर्की के पिपलूघाट में बैठक का आयोजन किया गया। विमला शर्मा एकल नारी संगठन दाड़लाघाट ने बताया कि इस बैठक में पांच पंचायतों की 30 महिला सदस्यों ने भाग लिया। बैठक में स्वायत्त न्याय पंचायत पुनस्र्थापना हेतु पंचायत प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में 1952 स्वायत्त न्याय पंचायत कार्य करती थी और इसी न्याय व्यवस्था तक महिलाओं की आसान पहुंच थी। इस अवसर पर निर्मला चंदेल ने बताया कि न्याय पंचायत घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को न्याय देती थी, लेकिन 1978 में इन न्याय पंचायतों को ग्राम पंचायतों में मिला दिया गया। विकास की राजनीति एवं विकास के काम के बोझ के कारण ग्राम पंचायतें अपने न्याय के कार्य करने में असक्षम साबित हो रही है। दूरदराज के इलाकों में रहने वाली जनता खासकर महिलाओं का एकल महिलाओं के लिए कोर्ट कचहरी एवं पुलिस थाना न सिर्फ पहुंच के बाहर है, बल्कि वकीलों की फीस और बार-बार मिलने वाली तरीकों से यह खर्चीले भी है। इस वक्त स्वायत्त पंचायत अलग बन जाने से गरीब जनता व महिलाओं को काफी सुविधा मिलेगी। इस बैठक में जिला परिषद सदस्य धुंधन वार्ड नंबर दो से निर्मला देवी, कुंहर पंचायत प्रधान श्रीमती कमलेश काता देवी बीडीसी सदस्य कुंहर पंचायत व विभिन्न पंचायतों से आए वार्ड सदस्यों ने भाग लिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.