मंत्री के आश्वासन से टला अस्पताल आंदोलन
जागरण संवाददाता, सोलन : जिला मुख्यालय सोलन के क्षेत्रीय अस्पताल में चिकित्सकों सहित नर्सिग एवं अन
जागरण संवाददाता, सोलन : जिला मुख्यालय सोलन के क्षेत्रीय अस्पताल में चिकित्सकों सहित नर्सिग एवं अन्य पैरामेडिकल स्टाफ के अभाव के संबंध में उपजा विवाद स्थानीय मंत्री के आश्वासन के बाद शांत हो गया और इसे लेकर प्रस्तावित आंदोलन भी टल गया है। इस संबंध में लोगों ने वीरवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री धनीराम शांडिल से मुलाकात की। इस पर शांडिल ने जल्द ही इस मसले को मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष रखने सहित चिकित्सकों की कमी का मामला कैबिनेट में उठाने का भी आश्वासन दिया। इस दौरान जब बीते दिन ही सरकार व मंत्री के खिलाफ किए गए प्रदर्शन की बात कांग्रेसियों ने छेड़ी तो दूसरा पक्ष बिफर गया और दोनों तरफ से तीखी नोक-झोंक हुई, जिसे मंत्री के हस्तक्षेप से समाप्त किया गया।
व्यापार मंडल के सदस्य एवं अन्य वीरवार सुबह सोलन विश्राम गृह में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री धनीराम शांडिल से मिलने गए। इस दौरान सोलन के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके दरोच के अलावा बैठक में कांग्रेस व भाजपा के भी कई नेता शामिल हुए। सभी ने मंत्री से तुरंत समस्या के हल की मांग की, जिस पर मंत्री ने जल्द ही इस मसले पर ठोस कदम उठाने को कहा। इसके अलावा सीएमओ ने भी लोगों को वास्तुस्थिति से अवगत करवाया और बताया कि क्षेत्रीय अस्पताल में सेक्शन पोस्ट के हिसाब से उनके पास चिकित्सक हैं, लेकिन विभिन्न कारणों से कई बार अनेक चिकित्सक अस्पताल से बाहर होते हैं।
इस मौके पर सोलन नगर परिषद प्रधान पवन गुप्ता, जिला कांग्रेस अध्यक्ष राहुल सिंह ठाकुर, व्यापार मंडल अध्यक्ष कुशल जेठी, कांग्रेस नेता सुरेंद्र सेठी, शहरी कांग्रेस के अध्यक्ष जतिन साहनी, युवा कांग्रेस नेता अमन सेठी, रोहित शर्मा, अपर बाजार एसोसिएशन के अक्षय वर्मा, तरसेम भारती, सेरी पंचायत के पूर्व प्रधान धर्मेद्र ठाकुर, राजीव कौड़ा, युवा मोर्चा के प्रवक्ता मुकेश शर्मा, व्यापार मंडल के प्रवक्ता मुकेश गुप्ता सहित अन्य उपस्थित थे।
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नारेबाजी को लेकर हुआ हंगामा
बैठक के दौरान अभी शांडिल सभी लोगों की बात सुनकर उनका जबाव ही दे रहे थे कि युवा कांग्रेस नेता बोल पड़े कि जब मंत्री से बात ही करनी थी तो पिछले कल उनके व सरकार के मुर्दाबाद के नारे क्यों लगाए। इस पर व्यापारी भड़क गए कि रोष प्रदर्शन करना उनका अधिकार है और मंत्री सभी के हैं, कांग्रेस के नेता इसमें राजनीति न करे। अभी यह बात शांत ही हुई थी कि एक अन्य वरिष्ठ कांग्रेसी ने भी नाराजगी स्वरूप कह दिया कि अस्पताल को लेकर उन्हें ऐसा प्रदर्शन और नारेबाजी नहीं करनी चाहिए थी। इस पर फिर से बहसबाजी होने लगी। बैठक में स्थिति यह हो गई कि कुछ व्यापारी कक्ष छोड़कर बाहर जाने लगे कि कांग्रेसी जन समस्या पर भी पार्टीबाजी कर रहे हैं। इस पर मंत्री व अन्य कुछ लोगों ने मामला शांत करवाया।
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क्या है विवाद
गत बुधवार को सोलन अस्पताल में आने वाले रोगियों एवं उनके तीमारदारों को चिकित्सकों व अन्य स्टाफ के अभाव में आ रही समस्याओं के कारण स्थानीय व्यापार मंडल एवं अन्य शहरवासियों ने बाजार में रैली निकालकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी। इनका रोष था कि मंगलवार रात को एक व्यापारी बीमार हुआ, जिसे देखने के लिए न तो अस्पताल में संबंधित रोग का चिकित्सक था और न ही समय पर उन्हें पीजीआइ चंडीगढ़ जाने के लिए एंबुलेंस की सुविधा मिल पाई। इसके बाद इन लोगों ने उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना भी दिया और प्रदर्शनकारियों ने समस्या का समाधान न होने पर स्थानीय मंत्री के घेराव की चेतावनी भी दी थी।