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पंचायत बताएगी कैसे बना मंदिर

जागरण संवाददाता, सोलन : जिला सोलन में साधुपुल के समीप रुढ़ा गांव में सामुदायिक भवन की भूमि पर बने

By Edited By: Published: Fri, 29 Apr 2016 07:11 PM (IST)Updated: Fri, 29 Apr 2016 07:11 PM (IST)
पंचायत बताएगी कैसे बना मंदिर

जागरण संवाददाता, सोलन :

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जिला सोलन में साधुपुल के समीप रुढ़ा गांव में सामुदायिक भवन की भूमि पर बने रामलोक मंदिर के मामले में अब स्थानीय ग्राम पंचायत को बताना होगा कि सरकारी जमीन पर मंदिर का निर्माण कैसे हो गया। तुंदल ग्राम पंचायत के तहत मौजा रूढ़ा में सरकार ने ग्रामीणों के लिए सामुदायिक भवन निर्माण को 19 बिस्वा जमीन दी थी, जिस पर बाबा अमरदेव की ओर से भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। इस मंदिर में पिछले दिनों ही बाबा के पास तेंदुए की चार खालें पकड़ी गई थी और खुलासा भी हुआ था कि यह मंदिर ही अवैध तरीके से बनाया जा रहा है और 'दैनिक जागरण' ने प्रमुखता से इस मुद्दे को उठाया था।

इसके बाद अब जिला प्रशासन के निर्देशन में राजस्व विभाग ने सक्रियता दिखाते हुए अनाधिकृत निर्माण के खिलाफ कार्यवाही शुरु कर दी है।

जानकारी के मुताबिक दो-तीन साल पहले तुंदल पंचायत के रुढ़ा गांव में सरकार ने सामुदायिक भवन बनाने को उक्त भूमि दी थी, लेकिन इस भूमि पर ग्रामीणों के लिए तो कुछ नहीं बना, कुछ रसूखदार लोगों के प्रभाव में और ऊपरी मिलीभगत से यहां रामलोक नाम से एक आलीशान मंदिर बनना शुरु हो गया। यह मंदिर अधिक चर्चा में तब आया जब यहां कुछ महीनों पहले ही राम परिवार की अष्टधातु से बनी करोड़ों रुपये की दस-साढ़े दस फीट ऊंची मूर्तियों को स्थापित किया गया, जिन्हें विश्व में सबसे ऊंची मूर्तियां बताया जा रहा है। पिछले समय ही मंदिर में साढ़े दस फीट ऊंची हनुमान जी की 11 मुखी मूर्ति भी प्रतिष्ठापित की गई है और इसके कुछ दिनों बाद ही सीआइडी की रेड में बाबा अमरदेव के पास से तेंदुए की चार खालें पकड़ी गई। लिहाजा बाबा खाल रखने के आरोप में अपने उच्च स्तरीय संबंधों के चलते सलाखों के पीछे जाने से तो बच गए, लेकिन सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण को लेकर राजस्व विभाग का शिकंजा कसने लगा है।

अब उपायुक्त की आदेश पर कंडाघाट के तहसीलदार ने पूरे मामले की रिपोर्ट बनाकर सौंपी है, जिसके बाद पंचायत को नोटिस जारी करके पूछा गया है कि सामुदायिक भवन निर्माण को मिली भूमि पर रामलोक मंदिर कैसे बन गया। यही नहीं मंदिर की आढ़ में यहां अतिरिक्त दो बीघा छह बिस्वा भूमि पर भी कब्जा किया गया है, जहां अस्थायी ढ़ारे बनाए गए हैं। विभाग द्वारा इसके खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है, जिस कड़ी में पिछले दिनों ही यहां अस्थाई निर्माण को गिराने के नोटिस चस्पा किए गए थे। इस स्थान पर अवैध निर्माण की बात यहीं खत्म नहीं होती, बताया जाता है कि मंदिर में 1008 सीढि़यां बनाई जा रही है और इन्हें भी सरकारी भूमि पर ही निर्मित किया जा रहा है।

पंचायत का जवाब आने पर होगी कार्रवाई : कंवर

उपायुक्त सोलन राकेश कंवर ने कहा कि सामुदायिक भवन की भूमि पर मंदिर निर्माण को लेकर पंचायत का जवाब आने पर आगामी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि तहसीलदार ने पूरी जांच रिपोर्ट सौंप दी है, जिसके आधार पर अन्य 2.6 बीघा भूमि पर कब्जा किए जाने को लेकर भी कार्रवाई हो रही है।


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