शहर में नहीं थम रहा पीलिया
संवाद सहयोगी, सोलन : अश्वनी खड्ड से दी जा रही पीने की पानी की सप्लाई बंद करने के बाद भी सोलन शहर और
संवाद सहयोगी, सोलन : अश्वनी खड्ड से दी जा रही पीने की पानी की सप्लाई बंद करने के बाद भी सोलन शहर और उसके आसपास के इलाकों में पीलिया थमने के नाम नहीं ले रहा है। पीलिया से ग्रस्त मरीजों की संख्या बढ़ने के तुरंत बाद ही जिला प्रशासन और आइपीएच विभाग ने अश्वनी खड्ड से दे जा रही पेयजल की सप्लाई को बंद कर दिया था। नगर परिषद ने भी पानी के टेंकों को पूरी तरह से साफ करवाया और अन्य सभी पानी के टेंकों में दवाई डलवाई, लेकिन इस सब के बाद भी पीलिया से ग्रस्त मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अब तक जिला अस्पताल में पीलिया ग्रस्त मरीजों की संख्या का आंकड़ा 250 को छू चुका है। ऐसे में लोगों में डर का माहौल पैदा हो गया है।
पानी की शुद्ध करने बाद भी पीलिया के मरीज सामने आने के कारणों का पता लगाने के लिए सोलन के चिकित्सकों से बातचीत की गई। अस्पताल के सीएमओ डा. आरके दरोच ने बताया कि पीलिया की रोक थाम को लेकर शहर में साफ और स्वच्छ पानी मुहैया करवाने के लिए सभी उचित कदम उठाए गए हैं, लेकिन इससे पहले जिन भी लोगों ने दूषित पानी पिया होगा उनमें पीलिया होने का खतरा बना रहता है। डा. दरोच ने बताया कि दूषित पानी पीन के बाद पीलिया का वायरस तीन से आठ सप्ताह के दौरान सक्रिया हो सकता है। ऐसे में जिन लोगों ने दूषित पानी पिया है उनमें इस दौरान कभी भी पीलिया के लक्षण दे सकते हैं।
पीलिया के लक्षण
-रोगी को बुखार रहना।
-भूख न लगना।
-चिकनाई वाले भोजन से अरुचि।
-जी मिचलाना और कभी कभी उल्टियां होना।
-सिर में दर्द होना।
-सिर के दाहिने भाग में दर्द रहना।
-आख व नाखून का रंग पीला होना।
-पेशाब पीला आना।
-अत्यधिक कमजोरी और थका थका सा लगना
पीलिया होने पर यह करें
-रोगी को शीघ्र ही डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
-बिस्तर पर आराम करना चाहिए। घूमना, फिरना नहीं चाहिए।
-लगातार जांच कराते रहना चाहिए।
-डॉक्टर की सलाह से भोजन में प्रोटिन और कार्बोज वाले प्रदार्थो का सेवन करना चाहिए।
-नीबू, संतरे तथा अन्य फलों का रस भी इस रोग में गुणकारी होता है।
-वसा युक्त गरिष्ठ भोजन का सेवन इसमें हानिकारक है।
-चावल, दलिया, खिचड़ी, थूली, उबले आलू, शकरकंदी, चीनी, ग्लूकोज, गुड, चीकू, पपीता, छाछ, मूली आदि कार्बोहाडेट वाले प्रदार्थ हैं इनका सेवन करना चाहिए
रोकथाम एवं बचाव
पीलिया रोग के प्रकोप से बचने के लिये कुछ साधारण बातों का ध्यान रखना जरूरी है:-
-खाना बनाने, परोसने, खाने से पहले व बाद में और शौच जाने के बाद में हाथ साबुन से अच्छी तरह धोना चाहिए।
-भोजन जालीदार अलमारी या ढक्कन से ढक कर रखना चाहिए, ताकि मक्खियों व धूल से बचाया जा सकें।
-ताजा व शुद्ध गर्म भोजन करें दूध व पानी उबाल कर काम में लें।
-पीने के लिए पानी नल, हैंडपंप या आदर्श कूओं को ही काम में लें तथा मल, मूत्र, कूड़ा करकट सही स्थान पर गड्ढा खोदकर दबाना या जला देना चाहिए।
-गंदे, सड़े, गले व कटे हुये फल नहीं खायें धूल पड़ी या मक्खियां बैठी मिठाइयां का सेवन नहीं करें।
-स्वच्छ शौचालय का प्रयोग करें यदि शौचालय में शौच नहीं जाकर बाहर ही जाना पडे तो आवासीय बस्ती से दूर ही जाएं तथा शौच के बाद मिट्टी डाल दें।