आपदा प्रबंधन की भेंट चढ़ी बीमार युवती
जागरण संवाददाता, सोलन : आए समय प्राकृतिक आपदाओं के मुहाने पर खड़े हिमाचल प्रदेश में सरकार का आपदा
जागरण संवाददाता, सोलन : आए समय प्राकृतिक आपदाओं के मुहाने पर खड़े हिमाचल प्रदेश में सरकार का आपदा प्रबंधन बोर्ड और उसकी जिलास्तर पर गठित इसकी इकाइयों सहित तमाम प्रशासनिक कसरतें एक बार फिर फिसड्डी साबित हुई। सोलन शहर से सटे क्षेत्र में एक पुराना भवन जल-जलकर स्वाह होता रहा, जिसमें बीमार युवती आपदा प्रबंधन में कोताही की भेंट चढ़ गई। आसपास के लोगों की सूचना पर यदि सरकारी अमले का एक भी विभाग समय रहते चौकस हो जाता तो शायद गरीब की जान बच जाती और उसके परिजनों को इस त्रासदी में भी बिलख-बिलखकर बेहाल न होना पड़ता।
सोलन में शिल्ली रोड स्थित ओम भवन की आग पर काबू पाने में देर से पहुंची फायर ब्रिगेड यदि जिम्मेदार है तो जबावदेही आपदा प्रबंधन की बैठकें मात्र करने वाले प्रशासन की भी है, जिसके नुमाइंदे भी मौके पर देरी से पहुंचे। लोगों का आरोप है कि आग लगने की दुर्घटना में समय यदि रहते फायर ब्रिगेड की गाड़िया मौके पर पहुच जाती तो शायद युवती मोना की जान बच सकती थी। यहां दोपहर लगभग पौने 12 बजे आग लगनी शुरू हुई थी, जिसकी सूचना उसी समय आसपास के लोग फायर ब्रिगेड, पुलिस व 108 एंबुलेंस को देने लगे थे। गफलत देखिए कि अग्निशमन का वाहन ही साढ़े 12 बजे मौके पर पहुंचा। तब तक मकान की ऊपरी मंजिल जलकर राख हो चुकी थी और इसमें एक युवती सदा के लिए शांत हो चुकी थी। यही नहीं राहत एवं बचाव कर्मियों को शुरू में तो यह तक पता नहीं था कि अंदर एक युवती भी है, जब तक किसी के अंदर होने का शोर सार्वजनिक हुआ तब तक देर हो चुकी थी। बाद में युवती को निकालकर अस्पताल भी पहुंचाया गया, लेकिन वह दम तोड़ चुकी थी।
संदेश ही न हो सका प्रसारित
ओम भवन के समीप ही ट्यूशन पढ़ाने वाली सुनीता बताती हैं कि उन्होंने जैसे ही मकान से धुंआ उठते देखा, वह फायर ब्रिगेड को फोन करने लग पड़ी, लेकिन फोन बिजी जा रहा था। ऐसे में उन्होंने ट्यूशन के एक बच्चे को पुलिस के पास भेजा, जिसे वहां से भी अग्निशमन विभाग को सूचित करने के लिए कहा गया। इसी दौरान कई अन्य लोगों ने भी फायर ब्रिगेड, पुलिस व एंबुलेंस को सूचना दी। कुछ देर बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी शिल्ली रोड की जगह जौणाजी रोड पहुंच गई और तर्क दिया गया कि उन्हें सूचना ही जौणाजी रोड पर गैस गोदाम के समीप आग की मिली थी। बताया जाता है कि जब गाड़ी यहां आने लगी तो रास्ते में वाहनों के जमावड़े के कारण बार-बार जाम की स्थिति से जूझना पड़ा।
ऐसी ही लापरवाही विद्युत बोर्ड ने भी बरती, जिसे आग लगने के बाद भवन में जब शॉट सर्किट होने लगे तो एक युवती कनिका ने लाइट काटने को कहा, लेकिन दूसरी ओर से बार-बार यही पूछा जाता रहा कि शिल्ली रोड पर कहां, डीसी रेजिडेंस के समीप कहां हुआ हादसा और कहां की लाइट बंद करनी है। एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि उन्होंने भी हादसे की सूचना 100, 101 व 102 दूरभाष नंबर पर देनी चाही, लेकिन फोन नहीं मिला तो उन्होंने 108 नंबर डायल किया।
लिहाजा इस बारे में सोलन अग्निशमन विभाग के लीडिंग फायरमैन कुलदीप सिंह का कहना था कि उन्हे जैसे ही सूचना मिली तुरत उनकी टीम 15 मिनट में ही घटनास्थल पर पहुच चुकी थी। मौके पर पहुंचते ही फायर कर्मियों ने आग पर काबू पाने के प्रयास शुरू कर दिए थे।