जैविक खेती पर मंथन
जागरण संवाददाता, सोलन : प्रदेश में विभिन्न फसलों पर हो रहे अंधाधुंध रसायनों के प्रयोग पर अंकुश लगाने
जागरण संवाददाता, सोलन : प्रदेश में विभिन्न फसलों पर हो रहे अंधाधुंध रसायनों के प्रयोग पर अंकुश लगाने, किसानों को जागरुक करने व उन्हें जैविक खेती के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए मंगलवार से डॉ. यशवंत सिंह परमार बागवानी व वानिकी विश्वविद्यालय नौणी में चार दिवसीय किसान प्रशिक्षण शिविर हुआ। इसमें प्रदेश भर से लगभग डेढ़ सौ किसान-बागवान पहुंचे हैं।
शिविर का उद्घाटन राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने किया, जबकि मशहूर कृषि विशेषज्ञ सुभाष पालेकर बतौर मुख्य वक्ता यहां पहुंचे हैं। राज्यपाल ने यहां आयोजित हर्बल व अन्य पौधों की प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया व अधिकारियों से चर्चा की। डॉ. सुभाष पालेकर ने कहा कि हम अभी स्वावलंबी नहीं हुए, बल्कि रासायनिक खेती की जकड़ में आ गए। देश में 35 करोड़ एकड़ भूमि खेती के लिए उपलब्ध है व देश की जनसंख्या की भोजन जरूरतों को पूरा करने के लिए 2050 तक कृषि उत्पादन दोगुना करना पड़ेगा। जीरो बजट प्राकृतिक खेती इसके लिए सहायक है, जिसके लिए किसानों को प्रशिक्षित करना होगा। खाद्य सुरक्षा आज देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती है और हमें सीमित संसाधन व उपलब्ध कृषि भूमि पर ही दोगुना उत्पादन करके इसे जैविक कृषि व शून्य लागत खेती की ओर मोड़ना है। कुलपति डॉ. विजय सिंह ठाकुर ने विवि की गतिविधियों बारे विस्तृत जानकारी दी। इस मौके पर चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति डॉ. केके कटोच, कृषि विभाग के निदेशक जेसी राणा सहित अन्य उपस्थित थे।