किसानों की समस्याएं उठाने आगे आई हिलोपा
जागरण संवाददाता, सोलन : पहाड़ी प्रदेश में जंगली जानवरों के उत्पात से कृषि कार्य छोड़ने पर मजबूर हो रहे
जागरण संवाददाता, सोलन : पहाड़ी प्रदेश में जंगली जानवरों के उत्पात से कृषि कार्य छोड़ने पर मजबूर हो रहे किसानों और रिहायशी क्षेत्रों में कुत्तों व बंदरों के आतंक से परेशान आम जनता की आवाज उठाने के लिए अब हिमाचल लोकहित पार्टी आगे आ गई है। इस कड़ी में शनिवार को सोलन से हिलोपा के प्रदेश अध्यक्ष महेश्वर सिंह ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन करते हुए बाद में जिला प्रशासन के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा। सीधे तौर पर आम जनता व खासकर किसानों से जुड़े इस मुद्दे पर उन्होंने सरकार के खिलाफ संवेदनहीनता का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दिनों-दिन विकराल हो रही इस समस्या से किसानों को निजात दिलाने में सरकार असफल रही है, जिसमें महामहिम को ही हस्तक्षेप करने की मांग की गई है।
हिलोपा के कार्यकर्ताओं ने लोनिवि विश्राम गृह से शुरू होकर पुराने बस अड्डे व माल रोड होते हुए उपायुक्त कार्यालय तक जलूस निकाला और सरकार खिलाफ व किसानों के हक में नारेबाजी की। इसके बाद उपायुक्त सोलन के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किया गया।
जारी बयान में हिलोपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश की आबादी का लगभग 71 प्रतिशत हिस्सा कृषि से अपनी आजीविका का संचालन करता है, लेकिन जंगली जानवरों द्वारा किसानों की फसलों को तबाह किया जा रहा है। प्रदेश में लगभग 2500 पंचायतें बंदरों, नीलगाय, लंगूर इत्यादि जंगली जानवरों के आतंक से प्रभावित हैं। इस कारण लगभग दो लाख हैक्टेयर खेती योग्य भूमि बंजर हो रही है। अनुसार के लगभग 10 लाख किसान परिवार बंदरों व जंगली जानवरों, आवारा पशुओं के कारण खेती छोड़ने को मजबूर है।
महेश्वर ने कहा कि बंदरों और कुत्तों के काटने के हजारों केस प्रदेश में हो गए है और एक ऐंटी रेबीज इजेक्शन पर 21000 से 35000 तक की कीमत अदा करनी पड़ती है, जोआम आदमी के लिए बहुत कठिन है। दूसरी तरफ सरकार एक बंदर को पकड़ने क लिए 500 रूपये देने की योजना चला रही है। इससे बेहतर होता कि ट्रैकुलाइजर गन का उपयोग कर बंदरों और जंगली जानवरों को बेहोश करके पकड़ा जाता।