Move to Jagran APP

निजी अस्पताल की लापरवाही से बिगड़ी थी बच्ची की हालत

संवाद सूत्र, नलागढ़ : नालागढ़ में एंबुलेंस न मिलने के कारण हुई बच्ची की मौत मामले में लापरवाही का आर

By Edited By: Published: Fri, 28 Nov 2014 01:10 AM (IST)Updated: Fri, 28 Nov 2014 01:10 AM (IST)
निजी अस्पताल की लापरवाही से बिगड़ी थी बच्ची की हालत

संवाद सूत्र, नलागढ़ : नालागढ़ में एंबुलेंस न मिलने के कारण हुई बच्ची की मौत मामले में लापरवाही का आरोप लगने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को लोगों का प्रकोप सहना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस पूरे प्रकरण के लिए निजी अस्पताल जिम्मेदार है। उनका कहना है कि बच्ची का किसी निजी अस्पताल में पाच दिन से सही इलाज न होने के कारण इसे अंतिम क्षण में सरकारी अस्पताल को भेज दिया गया था जहा एंबुलेंस जल्दी न मिलने का आरोप स्वस्थ्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को सहना पड़ा।

loksabha election banner

गौरलतब है कि गत दिवस खेड़ा में रह रहे प्रवासी मजदूर की बच्ची नालागढ़ के निजी अस्पताल में कई दिन तक इलाज करने के लिए दाखिल की गई, लेकिन वहा पर उसका सही इलाज न हो पाने के कारण उसकी हालत सुधरने की बजाय बिगड़ती चली गई। इस कारण जब इसकी हालत ज्यादा खराब हो गई तो परिजनों ने बच्ची को सरकारी अस्पताल में ले जाया गया जहा पर उसका इलाज की संभावना न होने के कारण इसे पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर किया गया, लेकिन इसकी बिगड़ती हालत को देख कर परिजन विचलित हो गए और अस्पताल में इसके इलाज के लिए जल्दी करने लगे। पीजीआइ को रेफर इस बच्ची की कई दिन से बिगड़ी हालत के लिए निजी अस्पताल को जिम्मेदार न ठहरा कर सरकारी अस्पताल के विरुद्ध बवाल खड़ा हो गया। एक निजी अस्पताल की गलती का खामियाजा सरकारी अस्पताल को भुगतना पड़ा।

सरकारी अस्पताल नालागढ़ के चिकित्सकों ने बताया कि बुधवार को जो हादसा हुआ उसके लिए सरकारी अस्पताल नहीं बल्कि निजी अस्पताल के चिकित्सक दोषी हैं। बच्ची का इलाज न होने के कारण यह स्थिति पैदा हुई। नाम न छापने की शर्त पर चिकित्सकों ने बताया कि निजी अस्पताल पैसे के लालच में इस बच्ची को अपने पास दाखिल रखा जब इसकी हालत बिलकुल नाजुक हो गई तो इसे सरकारी अस्पताल के लिए भेज दिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.