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साधुपुल में वैकल्पिक मार्ग का कार्य प्रगति पर

By Edited By: Published: Sun, 24 Aug 2014 07:30 PM (IST)Updated: Sun, 24 Aug 2014 07:30 PM (IST)
साधुपुल में वैकल्पिक मार्ग का कार्य प्रगति पर

जागरण संवाददाता, सोलन : सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री धनीराम शाडिल ने रविवार को सोलन जिला के साधुपुल में क्षतिग्रस्त हुए पुल का जायजा लिया। उन्होंने विभागीय कर्मचारियों द्वारा पुल टूटने के बाद कंडाघाट-चायल के बीच वाहनों की आवाजाही के लिए बनाए जा रहे वैकल्पिक मार्ग की प्रगति का जायजा लिया और कार्य में शीघ्रता के निर्देश दिए।

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इस दौरान उन्होंने बताया कि कंडाघाट-चायल के बीच वाहनों की सुचारू व्यवस्था के लिए दो-तीन दिन में वैकल्पिक मार्ग बनकर तैयार हो जाएगा, जबकि इसी स्थान पर डबल लेन का वैली ब्रिज तीन-चार महीने में बनकर तैयार हो जाएगा। साधुपुल में शनिवार को 110 वर्ष पुराना अंग्रेजों के जमाने का पुल टूट गया था। अब वाहनों के आने जाने के लिए अश्रि्वनी खड्ड में से अस्थाई सड़क बनाकर रूट को बहाल करने की व्यवस्था की जा रही है।

मंत्री ने कहा कि इससे किसानों, बागवानों को अपने उत्पाद मंडियों तक ले जाने में किसी प्रकार की असुविधा नही रहेगी। क्षतिग्रस्त पुल को काटने के लिए कटर मंगवाए गए हैं और एक-दो दिन के भीतर क्षतिग्रस्त पुल को वहा से हटा दिया जाएगा। शांडिल ने एसडीएम कंडाघाट एसएम सानी व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए, जिनकी देखरेख में वैकल्पिक सड़क का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। इस निर्माण कार्य के लिए तीन मशीनें लगाई गई हैं, जबकि अभी कुछ बड़े वाहन खड्ड के कम पानी में से गुजरकर भी पार हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि पुल के निर्माण के लिए यदि जरूरत पड़ी तो डीजीबीआर और सेना की मदद भी ली जा सकती है। बैली ब्रिज के लिए विभाग को धन मुहैया करवाने के साथ ही शीघ्र निर्माण के निर्देश दिए गए हैं।

इसके अलावा योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष जीआर मुसाफिर, खादी बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश चौहान, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण एसके गंजू, अधिशासी अभियंता अनिल शर्मा, मार्केट कमेटी के अध्यक्ष रमेश ठाकुर, सोलन ब्लॉक कांग्रेस महासचिव मुकेश शर्मा, शहरी काग्रेसमहासचिव सुशील चौधरी के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद थे।

दूसरे रूट से चायल आ जा रहे वाहन

कंडाघाट व साथ लगते क्षेत्रों को चायल से जोड़ने वाले साधुपुल टूटने के बाद अब वाहनों की आवाजाही दूसरे रूटों से हो रही है। इस पुल के टूटने से चायल सहित जुन्गा, कोटी व साथ लगती दर्जनों पंचायतों का संपर्क समाप्त हो गया है। इसका सबसे अधिक असर चायल में पर्यटन कारोबार व रोजाना इस क्षेत्र से नौकरी, शिक्षा व अन्य कार्य से बाहर आने वालों पर पड़ा है। ऐसे में पर्यटन नगरी के प्रसिद्ध पैलेस होटल चायल सहित इस क्षेत्र में स्थापित होटल व रिजॉर्ट अपने मेहमानों को झाजा रूट से आने की सलाह दे रहे हैं। रविवार को नेशनल हाईवे पर सलोगड़ा से अश्रि्वनी खड्ड होते हुए वाया झाजा चायल मार्ग से ही अधिकतर वाहनों की आवाजाही हुई। दूसरी तरफ कंडाघाट चायल रूट पर चलने वाली कुछ निजी बसों ने भी दोनों तरफ अपनी अलग-अलग बसें लगा दी हैं, जिनके माध्यम से सवारियों को एक तरफ से उतार कर दूसरे किनारे से उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है।


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