फर्जी लाइसेंस के गोरखधंधे में चार धरे
जागरण संवाददाता, सोलन : मोटर वाहन अधिनियम के तहत फर्जी लाइसेंस बनाने के मामले में सोलन पुलिस ने चार युवकों को गिरफ्तार किया है। युवकों ने फर्जी तरीके से एक व्यक्ति का लाइसेंस बना दिया था। वर्ष 2012 में बने इस लाइसेंस के लिए आरोपियों ने सात हजार रुपये में कंप्यूटर व स्कैनर की सहायता से किसी और की पंजीकरण संख्या पर किसी दूसरे व्यक्ति का फोटो व नाम लगाकर जाली लाइसेंस तैयार कर दिया था।
पुलिस के अनुसार एसडीएम सोलन की लिखित शिकायत के बाद लगभग दो वर्ष पूर्व इस मामले में जांच करके सदर थाना की पुलिस ने अब हमीरपुर व सोलन के चार युवकों को दबोचा है जबकि एक व्यक्ति अभी फरार है। सोलन की एक निजी ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक ने अपने चालक हरिद्र कुमार का लाइसेंस एसडीएम कार्यालय में जांच के लिए दिया था। इसमें लाइसेंस की पंजीकरण संख्या किसी प्यारे लाल नाम के व्यक्ति की पाई गई, जिसे बाकायदा एसडीएम के हस्ताक्षर व मोहर के साथ जारी किया गया था। लिहाजा इस लाइसेंस के जाली पाए जाने पर शिकायत पुलिस में की गई, जिसमें चली लंबी जांच के बाद अब गिरफ्तारियां हुई हैं।
पुलिस ने पाया कि फर्जी लाइसेंस धारक हरिद्र ने आशीष नाम के एक युवक को इसे बनाने के लिए कहा था, जिसने अपने साथी भूपेंद्र, संदीप कुमार व सुशील से मिलकर इस लाइसेंस को तैयार करवाया। सोलन थाना प्रभारी के मुताबिक आरोपियों ने सात हजार रुपये में लैपटाप व स्कैनर के माध्यम से यह फर्जी लाइसेंस तैयार किया था। उन्होंने कहा कि लाइसेंस पर नाम हरिद्र कुमार का लिखा था, जबकि रेजिस्ट्रेशन नंबर प्यारे लाल के लाइसेंस का था। इस मामले में अभी आशीष, संदीप व भूपेंद्र कुमार निवासी चायल साधुपुल और हमीरपुर के सुशील को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि एक आरोपी अभी फरार है।