पानी और चीनी से बनाते थे शहद
संवाद सहयोगी, पावटा साहिब : उपमडंल पावटा साहिब स्थित एचआरटीसी के स्टोर से बरामद नकली शहद की तस्करी के मामले में की परतें खुलनी शुरू हो गई हैं। मामले की प्रारंभिक जाच में पता चला है कि पड़ोसी राज्यों से आए दर्जन भर से अधिक परिवार पावटा में रहकर इस कारनामे को अंजाम दे रहे थे। उन्होंने नकली शहद तैयार करने का अड्डा पावटा साहिब की बाता नदी के किनारे बनाया हुआ था।
बताते चले कि पूछताछ के दायरे में आई महिला ने जाच के दौरान खुलासा किया है कि वह काफी समय से इस नकली शहद बनाने वाले गिरोह के साथ जुड़ी हुई थी। गिरोह के सदस्य बाता नदी के पानी से ही सबसे पहले चीनी का घोल तैयार करते थे। घोल को गाढ़ा करने के बाद इसमें फिटकिरी डालकर उसे शहद का रंग दिया जाता था और सफेदे के फूल डालकर नकली शहद को खुशबुदार बनाया जाता था। इसके बाद इस शहद को कनस्तरों व डिब्बों में भरकर बाजार में सप्लाई के लिए तैयार किया जाता था।
महिला ने जाच के दौरान बताया कि जैसे-जैसे नकली शहद की खेप तैयार की जाती उसे कनस्तरों व डिब्बों में भरकर एचआरटीसी के स्टोर में पहुंचा दिया जाता था। माल की बड़ी खेप तैयार करने के बाद उसे एचआरटीसी की बसों के माध्यम से सिरमौर के ऊपरी इलाकों के साथ उत्तराखंड के हरबर्टपुर विकासनगर डाकपत्थर हरियाणा के खिजराबाद छिछरौली ताजेवाला, जगाधरी यमुना नगर व उत्तर प्रदेश बेहट व सहारनपुर के बाजारों में पहुंचा दिया जाता था।
गुप्तचर विभाग के कब्जे में आए नकली शहद के सैंपल प्रक्रिया को खाद्य निरीक्षक सतीश ठाकुर ने बुधवार को गुप्तचर विभाग की टीम की मौजूदगी में नकली शहद के सैंपल भरकर जाच के लिए भेज दिया है। उन्होंने बताया कि जाच रिपेार्ट आते ही कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
बता दें कि हिमाचल पुलिस की गुप्तचर शाखा शिमला ने मंगलवार को पावटा साहिब में नकली शहद बनाने के मामले का भंडाफोड़ करते हुए 465 किलोग्राम शहद एचआरटीसी के स्टोर से बरामद किया था, लेकिन मामले के 24 घटे बीत जाने के बाद भी आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
गुप्तचर शाखा के डीएसपी राहुल शर्मा बताते है कि मामले में महिला की शिनाख्त के आधार पर कुछ आरोपियों की पहचान कर ली गई है जिनकी गिरफ्तारी के लिए टीमें बनाकर भेजी जा रही हैं। शीघ्र ही आरोपी कानून के शिकंजे में होंगे।