1977 की लहर में टूटा था कांग्रेस का तिलिस्म
रविंद्र पंवर, सोलन (शिमला)
भारतीय गणतंत्र के पहले लोकसभा चुनाव में 1951 से लेकर पूरे देश की तरह हिमाचल में भी कांग्रेस पार्टी का एकछत्र राज था। 1977 में आपातकाल के बाद हुए आम चुनाव में कांग्रेस के इस तिलिस्म को इंदिरा विरोधी लहर ने राज्य की चारों संसदीय सीटों पर तोड़ दिया। स्वतंत्र भारत के इतिहास में काला अध्याय कहे जाने वाले इमरजेंसी काल के कारण 1977 के लोकसभा चुनाव में यहां की सभी सीटों पर कांग्रेस विरोधी दलों के संयुक्त मोर्चे भारतीय लोकदल के प्रत्याशी विजयी हुए। इस दौरान प्रदेश के मंडी संसदीय क्षेत्र से जहां तीन बार सांसद रह चुके वीरभद्र सिंह, नए प्रत्याशी गंगा सिंह से हार गए तो कांगड़ा से कांग्रेस सांसद रहे विक्रम चंद को भी बीएलडी के दुर्गाचंद ने मात दी। इसी तरह शिमला लोकसभा क्षेत्र में बालकराम कश्यप ने कांग्रेस के जालम सिंह को हराया और हमीरपुर सीट से कांग्रेस सांसद रणजीत सिंह लोस चुनाव हार गए।
लिहाजा 77 की सरकार लगभग अढ़ाई वर्ष बाद गिर गई और 1980 के चुनाव में फिर से प्रदेश की चारों सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा कर लिया। इसके बाद 1984 के चुनाव में भी कांग्रेस का जलवा कायम रहा और राज्य की सभी सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों की विजय हुई। वर्ष 1989 के आम चुनाव में हिमाचल के अंदर पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने तीन सीटों के साथ अपना खाता खोला। इन चुनाव में केवल शिमला संसदीय क्षेत्र से केडी सुल्तानपुरी ही कांग्रेस की लाज बचा सके, जबकि अन्य तीन सीटों पर कांग्रेस दिग्गजों को हार का मुंह देखना पड़ा। मंडी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस सांसद सुखराम को भाजपा के महेश्वर सिंह, कांगड़ा से शांता कुमार ने चंद्रेश कुमारी और हमीरपुर से प्रेम कुमार धूमल ने नारायण चंद पराशर को हराकर संसद में प्रवेश किया।
इसके बाद से लेकर राज्य में वैसे तो अधिकतर बार कांग्रेस का ही दबदबा रहा, लेकिन भाजपा ने भी हमीरपुर, मंडी व कांगड़ा सीट पर कई बार कब्जा जमाया। केवल एक बार शिमला सीट से हिविंका टिकट पर धनीराम शांडिल ने कांग्रेस उम्मीदवार को हराया था। इस दौरान प्रदेश से दिल्ली संसद में प्रतिनिधित्व करने गए कांग्रेस के पंडित सुखराम शर्मा, भाजपा के शांता कुमार और कांग्रेस के वीरभद्र सिंह को केंद्र के मंत्रिमंडल में भी स्थान मिला है।
1977 से 2009 तक के लोकसभा चुनाव
वर्ष 1977 :
नाम दल हलका मत/फीसद
बालकराम बीएलडी शिमला 64.63
गंगा सिंह बीएलडी मंडी 53.19
दुर्गाचंद बीएलडी कांगड़ा 53.17
रणजीत सिंह बीएलडी हमीरपुर 57.95
वर्ष 1980
केडी सुल्तानपुरी कांग्रेस शिमला 51.01
वीरभद्र सिंह कांग्रेस मंडी 56.60
विक्रम चंद कांग्रेस कांगड़ा 45.26
नारायण चंद कांग्रेस हमीरपुर 55.41
वर्ष 1984
केडी सुल्तानपुरी कांग्रेस शिमला 79.66
पंडित सुखराम कांग्रेस मंडी 67.52
चंद्रेश कुमारी कांग्रेस कांगड़ा 62.45
नारायण चंद कांग्रेस हमीरपुर 62.98
वर्ष 1989
केडी सुल्तानपुरी कांग्रेस शिमला 47.99
महेश्वर सिंह भाजपा मंडी 50.36
शांता कुमार भाजपा कांगड़ा 46.33
प्रेम कुमार धूमल भाजपा हमीरपुर 48.58
वर्ष 1991
केडी सुल्तानपुरी कांग्रेस शिमला 51.76
पंडित सुखराम कांग्रेस मंडी 49.70
डीडी खनूरिया भाजपा कांगड़ा 41.01
प्रेम कुमार धूमल भाजपा हमीरपुर 45.54
वर्ष 1996
केडी सुल्तानपुरी कांग्रेस शिमला 56.26
पंडित सुखरा कांग्रेस मंडी 62.44
सत महाजन कांग्रेस कांगड़ा 49.64
विक्रम सिंह कांग्रेस हमीरपुर 48.96
वर्ष 1998
केडी सुल्तानपुरी कांग्रेस शिमला 49.31
महेश्वर सिंह भाजपा मंडी 62.44
शांता कुमार कांग्रेस कांगड़ा 52.65
सुरेश चंदेल भाजपा हमीरपुर 50.47
वर्ष 1999
धनीराम शांडिल हिविकां शिमला 52.78
महेश्वर सिंह भाजपा मंडी 62.05
शांता कुमार भाजपा कांगड़ा 58.80
सुरेश चंदेल भाजपा हमीरपुर 60.52
वर्ष 2004
धनीराम शांडिल कांग्रेस शिमला
प्रतिभा सिंह कांग्रेस मंडी
चंद्र कुमार कांग्रेस कांगड़ा
सुरेश चंदेल भाजपा हमीरपुर
वर्ष 2009
वीरेंद्र कश्यप भाजपा शिमला 50.42
वीरभद्र सिंह कांग्रेस मंडी 47.82
राजन सुशांत भाजपा कांगड़ा 48.69
अनुराग ठाकुर भाजपा हमीरपुर 53.47