सिरमौर में 100 हरे पेड़ों पर चली कुल्हाड़ी
राजन पुंडीर, नाहन हिमाचल प्रदेश में कुछ वर्षाें से वन काटुओं के निशाने पर बहुमूल्य वन संपदा है।
राजन पुंडीर, नाहन
हिमाचल प्रदेश में कुछ वर्षाें से वन काटुओं के निशाने पर बहुमूल्य वन संपदा है। वन माफिया प्रदेश के कोने-कोने में रिजर्व फॉरेस्ट से करोड़ों रुपये पेड़ प्रतिमाह काट रहे हैं। ऐसे में वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। पाच माह में जिला सिरमौर के आरक्षित वन से 100 से अधिक हरे पेड़ काट गए। ये वह पेड़ों की संख्या है, जिनकी वन विभाग ने पुलिस में एफआइआर पंजीकृत करवाई है। इसके अतिरिक्त जिला के दुर्गम क्षेत्रों से सैकड़ों हरे पेड़ों पर वनकाटुओं ने कुल्हाड़ी चलाई है। इसकी जानकारी वन विभाग को नहीं है। ऐसे में लगातार वन आरक्षित क्षेत्रों में पेड़ों की संख्या घट रही है। जिला सिरमौर में वन विभाग ने वनकाटुओं पर नजर रखने के लिए नौ चैक पोस्ट भी बनाई है। मगर इन चैक पोस्टों पर न के बराबर ही वन तस्कर पकडे़ गए हैं।
जिला सिरमौर में चार वन मंडल नाहन, राजगढ़, पावटा साहिब व श्रीरेणुकाजी है। इनके तहत गिरीपुल, नयागाव, कालाअंब, सुकेती, हरिपुर, माजरी, बहराल, यमुनापुल व खोदरी माजरी में वन विभाग द्वारा फॉरेस्ट चौकियां-बैरियर बनाए गए हैं। हैरानी की बात है कि फिर भी वनकाटुओं द्वारा रिजर्व फॉरेस्ट से बेशकीमती पेड़ काट कर चोरी कर लिए जाते हैं। वहीं वन विभाग के कर्मी जब अपनी बीट का दौरा करते हैं, तो उन्हें पता चलाता है कि उनकी बीट से वन काटुओं ने हरे पेड़ काट कर चोरी कर लिए हैं। ऐसे में कर्मी भी खानापूर्ति के लिए पुलिस में एफआइआर दर्ज करवा कर इतिश्री कर देते हैं। वन विभाग पेड़ कटाने को रोकने के लिए नाकाम सिद्ध हो रहा है।
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चार वन मंडल में 97 पेड़ चोरी होने की एफआइआर दर्ज
पिछले पाच माह में पावटा साहिब वन मंडल में 55 पेड़ सागवान, खैर साल व शिशम के काटे हैं। इसकी दस एफआइआर पंजीकृत करवाई गई है। नाहन वन मंडल में नौ पेड़ कटे, जिसकी तीन एफआइआर दर्ज हैं। श्रीरेणुकाजी वन मंडल में 23 पेड़ व पांच एफआइआर तथा राजगढ़ वनमंडल में 18 पेड़ कटे, जिसके पाच मामले दर्ज हुए हैं।
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नाहन वन वृत के सभी मंडलों में कर्मचारी मौजूद रहते हैं। कई बार वनकाटुओं द्वारा रात को रिजर्व फॉरेस्ट से पेड़ काटने के मामले सामने आए हैं। विभाग वन संपदा को बचाने के लिए हर समय तत्पर रहता है।
- वाईपी गुप्ता, मुख्य अरण्यपाल नाहन वन वृत।