हिमाचल में अब वाहनों का पंजीकरण महंगा
हिमाचल प्रदेश में अब सभी प्रकार के नए व पुराने वाहनों का पंजीकरण करवाना महंगा हो गया है।
जेएनएन, शिमला: हिमाचल प्रदेश में अब सभी प्रकार के नए व पुराने वाहनों का पंजीकरण करवाना महंगा हो गया है। प्रदेश सरकार की नई नीति के अनुसार वाहनों से पांच से 10 फीसद सेस (उपकर) और वाहन के अनुसार 500 से चार हजार रुपये तक ग्रीन टैक्स वसूला जाएगा। प्रदेश सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद परिवहन विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। पंजीकरण फीस के अलावा सेस व ग्रीन टैक्स एक अप्रैल से वसूलना शुरू कर दिया गया है। प्रदेश में वाहनों पर पहली बार सेस व ग्रीन टैक्स लगाया गया है। पहली अप्रैल से सभी प्रकार के नए वाहनों के पंजीकरण के दौरान वाहन की कीमत पर तीन फीसद तक पंजीकरण फीस वसूली जा रही है। पुराने वाहनों के पंजीकरण के दौरान बीमा में दर्ज कीमत के अनुसार तीन फीसद टैक्स लिया जाता है।
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नई अधिसूचना के तहत परिवहन विभाग वाहन की कीमत पर वसूले जाने वाले टैक्स पर पांच से दस फीसद सेस वसूलेगा। नए वाहनों से दस फीसद जबकि पुराने या कमर्शियल वाहनों से पांच फीसद सेस वसूला जाएगा। जिन वाहनों के पंजीकरण के दौरान एकमुश्त टैक्स वसूला जाता है, उन वाहनों से दस फीसद सैस व ग्रीन टैक्स वसूला जाएगा। पंजीकरण के दौरान यदि कोई व्यक्ति सेस या ग्रीन टैक्स का भुगतान नहीं करता है तो उसकी गाड़ी का पंजीकरण भी नहीं होगा।
पर्यावरण व सड़क सुरक्षा पर खर्च होगा सेस व ग्रीन टैक्स
सभी प्रकार के नए व पुराने वाहन मालिकों से पंजीकरण फीस के अलावा सेस व ग्रीन टैक्स भी वसूला जाएगा। यह अधिसूचना पहली अप्रैल से लागू हो गई है। सेस व ग्रीन टैक्स से एकत्र होने वाला धन पर्यावरण व सड़क सुरक्षा के कार्यो पर लगाया जाएगा।-संजय गुप्ता, प्रधान सचिव, परिवहन विभाग।
कमर्शियल वाहन मालिकों पर बोझ
परिवहन विभाग की नई नीति का असर सबसे अधिक कमर्शियल वाहन मालिकों पर पड़ेगा। कमर्शियल वाहन मालिकों से हर वर्ष टैक्स वसूला जाता है। ऐसे में नई नीति के अनुसार इन वाहन मालिकों को हर वर्ष सेस व ग्रीन टैक्स देना होगा। इससे कमर्शियल वाहन मालिकों को देय टैक्स के अलावा सेस व ग्रीन टैक्स के लिए भी जेब ढीली करनी पड़ेगी।
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