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सत्ता परिवर्तन के लिए जनता तैयार: धूमल

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भ्रष्टाचार के मामलों में अदालतों का सामना कर रहे हैं। समूची सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी हुई है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Sat, 29 Jul 2017 09:47 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jul 2017 09:47 AM (IST)
सत्ता परिवर्तन के लिए जनता तैयार: धूमल
सत्ता परिवर्तन के लिए जनता तैयार: धूमल

राज्य ब्यूरो, शिमला। नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने कहा है कि कांग्रेस सरकार में चारों तरफ भ्रष्टाचार व कुशासन है। इसका नतीजा यह है कि प्रदेश में विकास ठप है। कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। प्रदेश मौजूदा दौर में मुश्किल समय से गुजर रहा है। राज्य आर्थिक संकट में है। प्रदेश की जनता भाजपा को सत्ता सौंपने के लिए तत्पर है। इसलिए भाजपा कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है कि विधानसभा चुनाव के लिए कमर कस लें। धूमल ने भाजपा मुख्यालय दीपकमल में पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों व मोर्चो के अध्यक्षों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने पिछला विधानसभा चुनाव भी बेरोजगारों को झांसा देकर जीता था। उसके बाद प्रदेश में जो भी चुनाव हुए, उसमें कांग्रेस सरकार को पराजय का सामना

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करना पड़ा। 

चाहे लोकसभा चुनाव हो, सुजानपुर उपचुनाव या भोरंज उपचुनाव की बात हो, प्रदेश की जनता कांग्रेस को नकार चुकी है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भ्रष्टाचार के मामलों में अदालतों का सामना कर रहे हैं। समूची सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी हुई है। यह पहली बार है कि कानून व्यवस्था की लगातार बिगड़ती स्थिति को लेकर जनता सड़कों पर उतर रही है।

इसकी मुख्य वजह है कि जनता का सरकार पर विश्वास नहीं रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में सक्रिय माफियाओं को संरक्षण देने की कांग्रेसी रीति-नीति की वजह से प्रदेश में जंगलराज है। उन्होंने कहा कि इस अव्यवस्था और अफरातफरी के माहौल में प्रदेश का विकास बाधित हुआ है। केंद्र सरकार की योजनाओं का फायदा कांग्रेस के कुशासन और भ्रष्टाचार की वजह से जनता को नहीं मिल पा रहा है। 

कांग्रेस का यह कार्यकाल जनता के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है। ऐसे में पदाधिकारियों की जिम्मेदारी है कि कांग्रेस के कृत्यों को जनता के सामने लाएं और उसे बेनकाब करें। प्रदेश पदाधिकारियों की जिम्मेदारी इसलिए भी बढ़ जाती है कि वे संगठन में उच्च पदों पर हैं। जो जितने बड़े पद पर है, उसकी जवाबदेही भी बढ़ जाती है। यह तभी संभव है जब सभी एकजुटता से संगठन द्वारा तय कार्यक्रमों को परिश्रम के साथ पूरा करें और जन आंकाक्षाओं पर खरा उतरें।

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