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सावधान..बच्चों की सुरक्षा का नहीं प्रावधान

संवाद सहयोगी, शिमला : सावधान.. अगर आपका बच्चा आंगनबाड़ी केंद्र चौड़ा मैदान जाता है तो वहां पर उसकी सुर

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Feb 2017 07:22 PM (IST)Updated: Mon, 27 Feb 2017 07:22 PM (IST)
सावधान..बच्चों की सुरक्षा का नहीं प्रावधान
सावधान..बच्चों की सुरक्षा का नहीं प्रावधान

संवाद सहयोगी, शिमला : सावधान.. अगर आपका बच्चा आंगनबाड़ी केंद्र चौड़ा मैदान जाता है तो वहां पर उसकी सुरक्षा का कोई प्रावधान नहीं है। यहां पर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र एक कमरे में चलता है वहीं पर बच्चों को बिठाया जाता है और वहीं खाना भी बनाया जाता है। आंगनबाड़ी केंद्र का भवन खस्ताहाल हो चुका है। इस कारण बच्चों की जिंदगी यहां पर सुरक्षित नहीं कही जा सकती है। इस आंगनबाड़ी केंद्र में जीरो से पांच साल तक के 75 बच्चे पंजीकृत हैं। इसमें से 10 से 15 बच्चे रोजाना आंगनबाड़ी केंद्र आते हैं, लेकिन इस केंद्र में बच्चों के बैठने तक के लिए जगह नहीं है।

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आंगनबाड़ी केंद्र के आसपास गंदगी का आलम है। इस कारण यहां पर हर समय बीमारी फैलने का खतरा सताता रहता है। इस आंगनबाड़ी केंद्र के भवन निर्माण के लिए राशि आ गई है लेकिन इसका निर्माण कार्य अभी तक शुरू नहीं हो पाया है।

सात महीने पहले आंगनबाड़ी के उप शिक्षा निदेशक ने केंद्र को बनाने का आश्वासन दिया था जो आज तक नहीं बना। इस आंगनबाड़ी केंद्र में सफाई सुचारू रूप से होती है लेकिन भवन की हालत खस्ता होने के कारण यहां पर सफाई व्यवस्था नहीं दिखाई पड़ती है। इस केंद्र में सबसे बड़ी मुसीबत सिर्फ भवन की है। केंद्र को प्राथमिक स्कूल के एक कमरे में जगह दी गई है। इस केंद्र के निर्माण के लिए यहां की कार्यकर्ता ने कई बार उच्च अधिकारियों को भी सूचित किया पर उन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

आंगनबाड़ी केंद्र के कमरे में ही पानी की टैंकी रखी गई है, जो कभी भी गिर सकती है। इस भवन की खस्ताहालत देख कर यहां पर कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है। इस केंद्र में बच्चों के बैठने के लिए कोई व्यवस्था न होने के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। केंद्र में करीब तीन डैस्क हैं। जिसमें मुश्किल से करीब छह बच्चे बैठ पाते हैं।

स्थानांतरित किया जाए भवन

आंगनबाड़ी केंद्र में कार्यरत कार्यकर्ता व सहायिका ने मांग की है कि केंद्र के लिए नया भवन बनाया जाए। अगर इसके लिए उचित भूमि नहीं मिलती है तो इसे प्राथमिक स्कूल के खाली पड़े कमरे में स्थानांतरित किया जाए। बच्चों के बैठने के लिए विशेष प्रबंध किया जाए।

यहां पर सरकारी जमीन नहीं है। इस केंद्र का प्रपोजल आ चुका है लेकिन यहां पर कोई भी जमीन देने के लिए तैयार नहीं है। जैसे ही कोई जमीन मिल जाती है हम आंगनबाड़ी केंद्र के भवन का निर्माण कार्य शुरू कर देंगे।

राकेश भारद्वाज, डीपीओ, शिमला


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