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अब घर-घर मिलेगी ये सुविधा, कैंसर का दूर होगा प्रकोप

कैंसर बीपी मधुमेह टीबी और हाइपरटेंशन सहित असंक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए अब घर में जाकर लोगों का चेकअप किया जाएगा जिससे समय रहते इन जानलेवा बीमारियों से बचा जा सके।

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 08:18 AM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 08:18 AM (IST)
अब घर-घर मिलेगी ये सुविधा, कैंसर का दूर होगा प्रकोप
अब घर-घर मिलेगी ये सुविधा, कैंसर का दूर होगा प्रकोप

शिमला, जेएनएन। जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कैंसर, बीपी, मधुमेह, टीबी और हाइपरटेंशन सहित असंक्रामक बीमारियों को रोकने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए घरद्वार पर लोगों की स्क्र्रींनग (चेकअप) की जा रही है। मौजूदा समय में शिमला के नाभा, फागली सहित टूटीकंडी, छोटा शिमला, विकासनगर, कैथू, अनाडेल और जिले के ग्रामीण इलाकों में लोगों को इस सुविधा का लाभ मिल रहा है। जिले व शहर के अन्य हिस्सों में भी लोग इस सुविधा का लाभ उठा सकें, इसके लिए इसके लिए तैयारी की जा रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री निरोग योजना के तहत हेल्थ एंड वेलनेस कार्यक्रम शुरू किया गया है, जहां अभी करीब 8200 लोगों के स्वास्थ्य की जांच की जा चुकी है। जिले में अधिकांश लोग गांवों व दूरदराज के इलाकों में रहते हैं। वहां नियमित चेकअप की कोई सुविधा नहीं होती है। ऐसे में लोगों को मर्ज का पता काफी देर से चलता है और इलाज में देरी की वजह से उनकी जान पर बन आती है। 

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प्रारंभिक चरण में की जा रही रोगों की पहचान

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जितेंद्र चौहान का कहना है कि जिले में सभी लोगों को इसका लाभ मिल सके इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाई गई इस योजना का उद्देश्य है कि प्रारंभिक चरण में ही रोगों की पहचान कर उपचार शुरू कर दिया जाए। इससे लोगों के जीवन पर जोखिम कम होगा। 

उनका समय से उपचार शुरू कर जानलेवा बीमारियों से बचाया जा सकेगा। ग्रामीण क्षेत्रों के लोग डायबिटीज, ब्लड प्रेशर व टीबी जैसी बीमारियों को लेकर गंभीर नहीं होते। वे इसे सामान्य सी बात समझते हैं, जिसका परिणाम घातक हो जाता है।

मृत्यु दर में आएगी कमी

इस योजना में आयु का कोई बंधन नहीं है। नवजात बच्चे से लेकर सभी वर्ग के लोग इसमें शामिल किए जा रहे हैं। निरोग योजना का मुख्य उद्देश्य चेकअप के माध्यम से लंबी अवधि की समस्याओं की पहचान करना है। इससे लोगों की नियमित जांच होगी और उनको दवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।

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इससे मृत्यु दर में कमी आएगी और इलाज के नाम पर होने पर नाजायज खर्चे से लोग बच जाएंगे। जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से ग्रामीण और शहरी इलाकों में हेल्थ वर्कर घर पर लोगों से उनकी दिनचर्या व तकलीफ जांचकर उन्हें कारक बता रहे हैं। यह योजना मुख्य रूप से गरीबों के लिए शुरू की गई है लेकिन इसके लिए आय सीमा का निर्धारण नहीं किया गया है। 

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