कोटखाई मामला: राज्यपाल ने सीएम से कहा जनता में विश्वास पैदा करे सरकार
कोटखाई मामले में बढ़ रहे जनाक्रोश तथा सरकार द्वारा की जा रही जांच व पूरी स्थिति को लेकर आज मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को अवगत करवाया।
जेएनएन, शिमला: कोटखाई छात्रा दुष्कर्म एवं हत्या मामले में जनता का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। अभी तक आंदोलन जिला शिमला तक सीमित था। लेकिन अब दूसरे जिलों में भी विरोध प्रदर्शन शुरू हो चुके हैं। ऐसी परिस्थितियों को देखते हुए राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से कहा कि लोगों में सरकार के प्रति अविश्वास की स्थिति पैदा हो गई है। ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी है कि विश्वास बहाल किया जाए। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भरोसा दिलाया कि सरकार की ओर से इस मामले में कदम उठाए गए हैं। जिसके चलते स्थिति में सुधार होगा। गुडिय़ा प्रकरण से संबंधित सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
वीरवार को सुबह साढ़े ग्यारह बजे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह संसदीय कार्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के साथ राजभवन पहुंचे और करीब बीस मिनट तक उनसे गुडिय़ा मामले में उत्पन्न स्थिति को लेकर चर्चा की। उन्होंने राज्यपाल को आश्वस्त किया कि इस मामले में समूचित कार्रवाई की जाएगी। मामले में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में कोताही बरतने वाले पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की गई है। एसआईटी का जिम्मा देख रहे आईजी दक्षिण रेंज एसजहूर जैदी को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया। इसके अतिरिक्त जिला शिमला के पुलिस अधीक्षक डीडब्ल्यू नेगी को पद से हटा दिया है। सरकार गंभीरता से इस मामले पर कार्रवाई कर रही है।
राच्यपाल आचार्य देवव्रत ने जनाक्रोश को देखते हुए कहा कि सरकार पूरी इमानदारी से काम करेगी। उन्होंने इस मामले में उनसे मिले प्रतिनिधिमंडलों की नाराजगी से भी मुख्यमंत्री को अवगत करवाया। उधर, वामपंथी संगठन नागरिक सभा, जिला शिमला भाजपा ने कांग्रेस सरकार को बर्खास्त करने के लिए ज्ञापन दिया। मैंने समाज के इन संगठनों को इस मामले में संयम बरतते हुए ठोस कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
नशा देवभूमि के लिए चुनौती
मीडिया द्वारा नशे को लेकर पूछे गए सवाल पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत का कहना था कि प्रदेश नशे की गिरफ्त में जकड़ता जा रहा है। इस घटना में भी नशे की बात उठी है। शराब और नशों का प्रचलन होने से दिमाग काम करना बंद कर देता है। तभी नशा करने वाले ऐसे जघन्य अपराधों को अंजाम देते हैं। मैं व्यक्तिगत तौर पर दो साल से प्रदेश में नशे के खिलाफ स्कूली बच्चों को जागरूक कर रहा हूं। सरकार को नशा रोकने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।
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