एक ही परिवार के नेता दो नाव पर सवार
जागरण संवाददाता, शिमला : सियायत भी बड़ी अजीब चीज है। कुर्सी की चाहत के लिए रिश्ते-नाते भी ताक पर रख दिए जाते हैं। यही वजह है प्रदेश में कई परिवार ऐसे हैं, जिनके सदस्य अलग-अलग पार्टी टिकट पर किस्मत आजमा रहे हैं। प्रदेश की सियासत में जहां परिवारवाद की राजनीति हावी है वहीं एक ही परिवार के नेता दो नाव पर सवार हैं।
हमीरपुर जिले से भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री जगदेव चंद के परिवार से उनका बेटा नरेंद्र ठाकुर जहां कांग्रेस टिकट पर हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं वहीं उनकी बहू भाजपा टिकट पर सुजानपुर से भाग्य अजमा रही हैं। कुल्लू के राज परिवार से संबंध रखने वाले महेश्वर सिंह ठाकुर ने भाजपा से अपनी राजनीति शुरू की तथा उनके छोटे भाई कर्ण सिंह भी उनके नक्शे कदमों पर राजनीति भाजपा से ही शुरू की। मगर बाद में कर्ण सिंह ने भाजपा को अलविदा कर कांग्रेस का दाम थाम लिया। उनके बड़े भाई ने भी भाजपा से किनारा कर हिमाचल लोक हित पार्टी का गठन किया। इस बार विधानसभा में हिमाचल लोक हित पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि कर्ण सिंह पर कांग्रेस ने दांव खेला है। ठियोग विधानसभा क्षेत्र से राकेश वर्मा पर भाजपा ने एक बार फिर से भरोसा जताते हुए टिकट दिया। राकेश वर्मा 1993 व 1998 में भाजपा टिकट पर चुनाव लड़े थे तथा वर्ष 2003 व 2007 में आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा तथा जीत हासिल की। इस बार भाजपा ने उन्हें ठियोग से पार्टी टिकट राकेश वर्मा के चचेरे भाई ने चौपाल विधानसभा सीट से आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव में उतरने का फैसला कर वहां से न केवल भाजपा प्रत्याशी के लिए मुश्किलें खड़ी की हैं अपितु ठियोग से भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ रहे राकेश वर्मा को भी मुश्किल में डाल दिया है। हालांकि प्रदेश में कई और नेता भी अलग-अलग पार्टियों में शामिल हैं मगर इस विधानसभा चुनाव में अपनी बिसात नहीं बिछा पा रहे हैं।
बरहाल एक ही परिवार से अलग-अलग पार्टियों से चुनाव लड़ रहे ऐसे नेताओं की राजनीतिक महत्वकांक्षा कहे या फिर राजनीति में रहने के लिए उनकी मजबूरी कही जा सकती है।
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