वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह
सिटी संवाददाता, शिमला : बैसाखी पर्व के दिन वीरवार को राजधानी शिमला दुल्हन की तरह सजाई गई। मौका था 312वां खालसा सृजना दिवस का। बैसाखी के इस शुभ अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम हुए। शिमला के सभी गुरुद्वारों में कीर्तन व लंगर का आयोजन किया गया। सुबह साढ़े चार बजे से गुरुद्वारे में कीर्तन शुरू हो गया। करीब साढ़े सात बजे मनिंदर सिंह जी रागी जत्थे (श्रीनगर वाले) ने कीर्तन किया। करीब दस बजे मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने गुरुद्वारे में माथा टेका। गुरुद्वारा श्री सिंह सभा शिमला ने मुख्यमंत्री को सिरोप और स्मृति चिन्ह भी भेंट किया।
शिमला के गुरुद्वारों में चानक सिंह, हरपाल सिंह, सुरजीत कौर, अमनप्रीत सिंह और मनिंदर सिंह ने शबद कीर्तन कर संगत को निहाल किया।
'कॉन्वेंट और प्राइवेट स्कूलों में शुरू हो पंजाबी भाषा'
गुरुद्वारा श्री सिंह सभा शिमला के प्रधान जसविंदर सिंह ने इस मौके पर मांग की कि राजधानी के कॉन्वेंट और प्राइवेट स्कूलों में पंजाबी कोर्स शुरू किया जाना चाहिए। अभी तक ऑकलैंड हाउस स्कूल में पंजाबी कोर्स शुरू किया गया है।
30 लोगों ने किया रक्तदान
गुरुद्वारा श्री सिंह सभा शिमला की ओर से बैसाखी के अवसर पर लगाए गए शिविर में 30 लोगों ने रक्तदान किया। इस अवसर पर युवकों ने रक्तदान करने में बढ़चढ कर भाग लिया।
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