सड़कों की खराब हालत पर हाईकोर्ट सख्त
जागरण संवाददाता, शिमला : हाईकोर्ट ने प्रदेश के राजमागरें की दयनीय पर संज्ञान लेते हुए सख्त रुख अप
जागरण संवाददाता, शिमला : हाईकोर्ट ने प्रदेश के राजमागरें की दयनीय पर संज्ञान लेते हुए सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने राज्य लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ को हलफनामा दायर कर सड़कों की ग्रेडिंग बताने के आदेश दिए। साथ ही यह भी पूछा है कि सड़कों की मरम्मत का ठेका वर्षो से एक ही ठेकेदार को क्यों दिया जाता है।
कोर्ट में उपस्थित इंजीनियर इन चीफ ने बताया कि प्रदेश में करीब 33 हजार किलोमीटर राजमार्ग है। इनकी एबीसी ग्रेडिंग भी की जाती है। प्रदेश में सड़कों की हालत खस्ता है, अधिकांश सड़कें ऐसी हैं जहां पर वाहन नहीं चल सकते। राज्य मुख्यालय शिमला में शहर की सड़कों की हालत भी ठीक नहीं है। लोक निर्माण विभाग सड़कों पर होने वाली ग्रेडिंग सुनिश्चित करने में नाकाम रहा है।
इससे पहले चंडीगढ़-शिमला फोरलेन निर्माण में धीमी चाल पर भी न्यायालय ने संज्ञान लिया था। इसकी हालत को लेकर सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों को तलब किया था। प्रदेश के सभी जिलों में सड़कों की हालत दयनीय है। गड्ढों के अतिरिक्त सड़कों पर कुछ नजर नहीं आता। सड़कों के किनारे सुरक्षा के बंदोबस्त नहीं होने के कारण लगातार हादसे होते रहते हैं। न्यायालय ने सुरक्षा के बंदोबस्त को लेकर भी सरकार से जवाबतलब किया।