जौ-कोदरे का आटा कई रोगों को है भगाता
संवाद सहयोगी, शिमला : जौ व कोदरे के आटे को दिल संबंधित रोग, रक्तचाप, शुगर जैसी बीमारियों को ठीक करने
संवाद सहयोगी, शिमला : जौ व कोदरे के आटे को दिल संबंधित रोग, रक्तचाप, शुगर जैसी बीमारियों को ठीक करने में काफी सहायक माना जाता है, लेकिन लोगों में इसके गुणकारी लाभों के बारे में जानकारी न होने से इसकी डिमांड और पैदावार दोनों ही कम हैं।
मंडी महोत्सव के दौरान शिमला में करीब पांच क्विंटल आटा बेचने के लिए लाया गया था। इसमें सबसे ज्यादा आटा मंडी जिले के करसोग क्षेत्र से आया था, जिसमें मांहुनाग व कमाक्षा क्षेत्र की महिलाओं ने करीब ढाई क्विंटल आटा लाया था। यह आटा दो दिन में ही बिक गया। जौ का आटा 50 रुपये प्रति किलो एवं कोदरे का आटा 70 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बेचा। कोदरे का यह आटा स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है, लेकिन प्रदेश में कोदरे और जौ की खेती बहुत कम हो रही है, क्योंकि इसकी मांग काफी कम है। इसके फायदे को देखते हुए मंडी की महिलाओं ने इसका उत्पादन शुरू किया है। ं
करसोग की सोनिका, अनीता, लज्जा का कहना है कि उन्हें शिमला में मंडी महोत्सव के दौरान इस आटे को बेचने का मौका मिला है। इससे मंडी में कोदरे और जौ की खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। लोगों को मंडी की उपज के बारे में जानकारी मिलेगी। महिलाओं ने कहा कि मंडी में सभी लोग इसे अपने इस्तेमाल के लिए बिना रसायनों से तैयार करते हैं।