23 प्रजातियों के पेड़ काटने पर प्रतिबंध हटा
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश सरकार ने निजी भूमि पर पेड़ों की 23 प्रजातियों को काटने पर लगाए प्रतिबंध
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश सरकार ने निजी भूमि पर पेड़ों की 23 प्रजातियों को काटने पर लगाए प्रतिबंध को हटा दिया है। अब लोग इन पेड़ों को अपनी आवश्यकता पूरा करने के लिए काट सकेंगे। इसके अलावा पेड़ों की 24 प्रजातियों की वन उपज के अभिवहन पास (ट्राजिट परमिट) पर छूट दी गई है।
घरेलू प्रयोग के लिए अधिकतम पाच पेड़ काटने पर भी प्रतिबंध हटा दिया गया है। अतिरिक्त प्रधान सचिव (वन) तरुण कपूर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश-भू परिक्षण अधिनियम, 1978 के तहत आदेश जारी कर दिए गए हैं। इस छूट के साथ ही अब अपनी जमीन पर पेड़ काटने पर डीआर काटकर मामले दर्ज नहीं होंगे और लोग पेड़ों को अपने उपयोग के लिए इस्तेमाल कर सकेंगे। इस संबंध में वन विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। अभी तक विवाह या अन्य आयोजनों में पेड़ काटने के लिए वन विभाग से अनुमति लेनी पड़ती थी। कई बार अनुमति नहीं मिलती थी।
इन पेडों को काटने की मिली अनुमति
काला सिरिस, ओई, सिरिस, कचनार या करयाल, सफेदा, किमू या चिमू या शहतूत, पॉपलर, बियूंस, बैंबू, बास या मग्गर, जापानी शहतूत, पेइक, ओई, न्यून, खिड़क या खड़की, दरेक बकिन, फेगुड़ा, त्यामल या तिमला या तरमल, अंजीरी, कलस्टर फिग गूलर, तून, जामुन, टीक, सगुन या सागवान, अर्जुन, सेमल, शलमाटास, बिहूल या बेयूल या भिमल या भियूनल, धमन, पाजा या पदम, कामला या रैनी या रोहण या रोहिनया सिंदूरी, आम (वन्य प्रजाति), रिष्टक या रीठा या डोडे, बान।