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ऑकलैंड स्कूल में डीसी का बच्चा पड़ता है, तो लगाई धारा 144

राज्य ब्यूरो, शिमला : सीटू के जिला महासचिव विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि ऑकलैंड हाउस स्कूल में उपायुक्

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Apr 2017 01:02 AM (IST)Updated: Mon, 24 Apr 2017 01:02 AM (IST)
ऑकलैंड स्कूल में डीसी का बच्चा पड़ता है, तो लगाई धारा 144
ऑकलैंड स्कूल में डीसी का बच्चा पड़ता है, तो लगाई धारा 144

राज्य ब्यूरो, शिमला : सीटू के जिला महासचिव विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि ऑकलैंड हाउस स्कूल में उपायुक्त शिमला का बच्चा पढ़ता है इसलिए उपायुक्त स्कूल का साथ दे रहे हैं। इसके कारण स्कूल के बाहर धारा 144 लगा दी है। जिला प्रशासन इस धारा का दुरुपयोग कर रहा है। विजेंद्र मेहरा रविवार को शिमला में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

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मेहरा ने कहा कि मेरा बच्चा ऑकलैंड स्कूल में ही पढ़ता है, लेकिन इसके बाद भी मजदूरों के हित के लिए स्कूल प्रबंधन के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। उपायुक्त ने स्कूल के बाहर जानबूझ कर यह धारा लागू की गई है। सीटू ने प्रशासन को चेतावनी दी कि ऑकलैंड स्कूल के बाहर 24 घंटे का महाधरना दिया जाएगा।

स्कूल में श्रम कानून को लागू कराने के लिए सीटू 77 दिन से आंदोलन कर रही है। शिमला के उपायुक्त की जिम्मेदारी है कि वह अपने क्षेत्र में श्रम कानूनों को लागू करवाएं, लेकिन यहां उल्टा मजदूरों की आवाज को दबाने के लिए धाराएं लागू करने में जुटे हुए हैं। विजेंद्र मेहरा ने आरोप लगाया कि निजी स्कूलों में बच्चों से भारी-भरकम फीस वसूली जा रही है, शिक्षा का अधिकार का उल्लंघन हो रहा है। इन कानूनों को लागू करने के संदर्भ में उपायुक्त क्यों खामोश हैं। धारा 144 वहीं पर लगाई जाती है, जहां पर दंगा फसाद या हिंसा हो। यहां पर कौन सा दंगा हो रहा है। इस मौके पर उनके साथ रमाकांत, विनोद, बाबू राम, किशोरी और दिनेश भी मौजूद थे।

क्या बोले उपायुक्त

उपायुक्त रोहन चंद ठाकुर ने कहा कि ऑकलैंड स्कूल में मेरा अकेले का बच्चा नहीं पड़ता है। विजेंद्र मेहरा के बच्चे के अलावा करीब 1700 बच्चे इस स्कूल में पढ़ते हैं। रही बात धारा 144 लगाने की, वह सीआइडी की रिपोर्ट के आधार पर लगाई गई है। ऐसा ही था तो यह धारा तो मैं दो महीने पहले भी लगा सकता था। सीआइडी की रिपोर्ट में साफ लिखा गया है कि स्कूल प्रबंधन और स्कूल के बच्चों को जान का खतरा है। यदि एक भी बच्चे को कुछ होता है उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। इस मामले को लेकर सीटू के नेताओं, मजदूरों और स्कूल प्रबंधन के बीच एक बार नहीं चार बार बैठकें करवाई जा चुकी हैं, लेकिन एक भी बैठक में सीटू स्कूल प्रबंधन पर लगाए जा रहे आरोपों को सिद्ध नहीं कर पाई है।


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