सत्ता पक्ष कटौती प्रस्ताव में शामिल हो या न, दोनों में तकरार
राज्य ब्यूरो, शिमला : विधानसभा में मंगलवार को कटौती प्रस्ताव में सत्ता पक्ष के सदस्यों द्वारा बोल
राज्य ब्यूरो, शिमला : विधानसभा में मंगलवार को कटौती प्रस्ताव में सत्ता पक्ष के सदस्यों द्वारा बोलने पर पक्ष और विपक्ष में तकरार हुई। दोनों ने खुद को सही साबित करने के प्रयास किए। प्रश्नकाल समाप्त होते ही विधानसभा अध्यक्ष बृज बिहारी लाल बुटेल ने कटौती प्रस्तावों पर सदस्यों के भाग लेने पर स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि विपक्ष का यह कहना कि केवल विपक्षी सदस्य ही कटौती प्रस्ताव में बोल सकते हैं नियमों के अनुसार सही नहीं है। नियमों के तहत सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ही सदस्य किसी विभाग से संबंधित माग पर चर्चा में भाग ले सकते हैं, जबकि कटौती प्रस्तावों पर केवल विपक्ष बोल सकता है। इस दौरान स्वास्थय मंत्री कौल सिंह ठाकुर और भाजपा के मुख्य सचेतक सुरेश भारद्वाज ने कई नियमों का हवाला दिया। अध्यक्ष की व्यवस्था पर विपक्ष के नेता प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि संसद से लेकर विधानसभा तक में यही परंपरा है कि जो सदस्य कटौती प्रस्ताव देता है, वही चर्चा में भाग लेता है। कटौती प्रस्तावों पर बोलने की अनुमति होनी चाहिए, जिनके प्रस्ताव आए हों ताकि समय की भी बचत हो सके। उन्होंने सतापक्ष की उस दलील को भी खारिज कर दिया, जिसमें पूर्व भाजपा सरकार में रहते राकेश पठानिया ने कटौती प्रस्ताव पर हुई चर्चा में हिस्सा लिया था। धूमल ने कहा कि राकेश पठानिया निर्दलीय सदस्य थे और इस नाते वह कटौती प्रस्ताव देने को स्वतंत्र थे। उन्होंने सत्तापक्ष को यह भी चुनौती दी कि वह साबित करें कि राकेश पठानिया भाजपा के विधायक थे। स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि विभिन्न विभागों से संबंधित मागों पर बोलने का सत्तापक्ष के सदस्यों को भी अधिकार होना चाहिए। विपक्ष का इस मसले पर वॉकआउट पूरी तरह से गलत है।