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सरकार ने सदन में की लोकतंत्र की हत्या : धूमल

राज्य ब्यूरो, शिमला : नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि वीरभद्र सरकार ने सदन में लोकतंत्र

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Mar 2017 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 29 Mar 2017 01:00 AM (IST)
सरकार ने सदन में की लोकतंत्र की हत्या : धूमल
सरकार ने सदन में की लोकतंत्र की हत्या : धूमल

राज्य ब्यूरो, शिमला : नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि वीरभद्र सरकार ने सदन में लोकतंत्र की हत्या की है। भोजनावकाश चल रहा था और उस समय शिक्षा एवं लोक निर्माण विभाग जैसी महत्वपूर्ण डिमाड को बिना चर्चा के धोखे से पास करवा दिया गया जो कि पूर्णतया अलोकतात्रिक है।

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विधानसभा में विपक्षी लॉज में पत्रकारों से बातचीत में प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि चर्चा से बचने वाली और जुगाड़ से चलने वाली इस सरकार को आने वाले चुनाव में जनता भी चलता करेगी। आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष बृज बिहारी लाल बुटेल सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं। इसी कारण भोजन अवकाश के दौरान विपक्ष की गैर मौजूदगी में लोक निर्माण विभाग और शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पेश किए गए और उन्हें बिना चर्चा के मंजूरी दे दी। सदन में हुई इस घटना की भाजपा विधायक दल निंदा करता है।

विपक्षी विधायक चर्चा के लिए तैयार होकर आ रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री और मंत्री चर्चा के लिए तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री व मंत्री प्रश्नों के उत्तर बिना तैयारी के देते हैं जो तथ्यों पर आधारित नहीं होते। विधानसभा में बुधवार को बिना चर्चा कटौती प्रस्ताव पास करने का मामला उठाया जाएगा। बजट सत्र में कटौती प्रस्तावों पर चर्चा के दौरान जब सरकार को आईना दिखाया जाता है तो वह असहज महसूस करती है। वर्तमान सरकार पूरी तरह से अलोकतात्रिक व्यवहार पर उतारू है। सरकार चर्चा से बचने के लिए यह प्रयास कर रही है कि विपक्ष को किसी न किसी तरह सदन से बाहर रखा जाए, ताकि सच्चाई लोगों के सामने न आ सके। स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने समय होने के बावजूद सोमवार को कटौती प्रस्ताव का उत्तर नहीं दिया और मंगलवार को उत्तर देते समय हमारे प्रश्नों के उत्तरों को टालते रहे और मोदी सरकार द्वारा दिए जा रहे सहयोग का श्रेय काग्रेस सरकार को देने की कोशिश करते रहे। 2016-17 के बजट में मोदी सरकार ने हर जिला केंद्र पर डायलिसिस सेंटर शुरू करने का एलान किया व पूरा सहयोग किया, लेकिन इन सेंटरों का श्रेय काग्रेस लेने की कोशिश कर रही है। स्वास्थ्य विभाग में 10 हजार से अधिक पद खाली हैं और स्वास्थ्य सुविधाएं बेहाल हैं।

धूमल ने कहा कि सदन में मुख्यमंत्री ने कटौती प्रस्ताव के दौरान कांस्टेबलों के अनुबंध पर रखे जाने व ड्रग्स के संबंध में हरियाणा पुलिस प्रमुख द्वारा दिए गए हल्फनामे के संबंध में गलत जानकारी सदन को दी गई है। इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष को प्रस्ताव दिया गया है और संबंधित दस्तावेज भी दिए गए हैं।

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छह अप्रैल तक सदन चलाने का डाला जाएगा दवाब

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा सत्र में कटौती किए जाने पर पूछे गए प्रश्न के जवाब में नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि विधानसभा को छह अप्रैल तक चलवाने के लिए सरकार पर दवाब बनाया जाएगा। छह अप्रैल को गैर सरकारी दिवस निर्धारित किया गया है इसलिए कम से कम छह अप्रैल तक तो विधानसभा चले। इतने लंबे सत्र में चर्चा से बचने के लिए केवल दो ही गैर सरकारी दिवस रखे गए जिसे भी सरकार समाप्त करना चाह रही है।


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