अफसरशाही पर फूटा कालिया का गुस्सा
राज्य ब्यूरो, शिमला : हलके में विकास कार्य न होने पर गगरेट के विधायक राकेश कालिया का गुस्सा मंगलवार
राज्य ब्यूरो, शिमला : हलके में विकास कार्य न होने पर गगरेट के विधायक राकेश कालिया का गुस्सा मंगलवार को विधानसभा में फूट पड़ा है। नाराज कांग्रेस विधायक ने फिर अफसरशाही की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। विधानसभा में गुस्साए कालिया ने यहां तक कह दिया कि चार साल से अधिकारियों ने बेवकूफ बना रखा है।
मामला यह था कि चिंतपूर्णी में सीवरेज योजना का आधे से अधिक काम पूरा हो चुका है, जबकि गगरेट की सीवरेज स्कीम के लिए बजट उपलब्ध नहीं होने का हवाला दिया गया था। कालिया ने सख्त शब्दों में सदन में मामला उठाया। इस पर सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य मंत्री विद्या स्टोक्स ने कहा कि अवगत करवाया कि छह करोड़ रुपये का प्रावधान कर दिया गया है। उनका कहना था कि गगरेट विधानसभा क्षेत्र में सीवरेज सुविधा के लिए सरकार ने करोड़ों का बजट जारी किया, मगर अधिकारी काम करने को तैयार नहीं है। क्षेत्र में शिलान्यास की पट्टिकाएं लगाई जा रही हैं, अब तो लोग यह कहते नजर आते हैं कि बिना वजह से ही फट्टे क्यों लगाए जा रहे हैं। कालिया के इस रूप को देखकर भाजपा विधायकों ने टेबल थपथपाकर समर्थन किया।
प्रश्न का उत्तर देने से पहले स्टोक्स ने कहा कि कालिया शरीफ आदमी हैं, मैं जानती हूं। उन्होंने विधायक को आश्वस्त किया कि इसी महीने से काम शुरू कर दिया जाएगा। कालिया ने विधानसभा में नाराजगी जताई है कि गगरेट शहर को सीवरेज सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए 29 मार्च 2012 में 13.73 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत की थी जो पर्याप्त बजट उपलब्ध न होने के कारण अधूरी है। उनका सुझाव था कि इस योजना के सिरे न चढ़ने के लिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। स्टोक्स ने कहा कि क्षेत्र के लिए छह करोड़ रुपये बजट जल्द जारी किया जाएगा। इस योजना के लिए उपयुक्त बजट जारी किया गया है तथा निविदाएं आमंत्रित करने के लिए विभागीय प्रक्रिया जारी है।
------------
काम में देरी से कुलदीप चिंतित
चिंतपूर्णी सीवरेज योजना में हो रही देरी से कांग्रेस विधायक कुलदीप कुमार चिंतित थे। तीन साल हो चुके, मगर अभी तक सीवरेज योजना पूरी नहीं हुई। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि योजना में देरी क्यों हो रही है और कारण बताने होंगे। स्टोक्स ने इस पर कहा कि चिंतपूर्णी में सीवरेज योजना का शिलान्यास चार जनवरी 2014 में किया गया था। इस योजना का लगभग 50 फीसद कार्य पूर्ण कर लिया गया है। यह योजना जून 2018 तक पूरी कर ली जाएगी।