धर्मशाला को दूसरी राजधानी पर सरकार को नोटिस से इन्कार
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश हाईकोर्ट ने धर्मशाला को दूसरी राजधानी बनाए जाने के खिलाफ दायर याचिका
राज्य ब्यूरो, शिमला : प्रदेश हाईकोर्ट ने धर्मशाला को दूसरी राजधानी बनाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सरकार को फिलहाल नोटिस जारी करने से इन्कार कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश मंसूर अहमद मीर व न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान की खंडपीठ ने प्रार्थी परेश शर्मा को अगली सुनवाई के दौरान याचिका की गुणवत्ता को स्पष्ट करने के आदेश दिए।
प्रार्थी परेश शर्मा ने हाईकोर्ट में धर्मशाला को दूसरी राजधानी बनाने की तीन मार्च की अधिसूचना को चुनौती दी है। प्रार्थी का आरोप है कि सरकार ने केवल राजनितिक फायदे के लिए इस तरह का फैसला लिया जबकि मौजूदा परिस्थितियों में ऐसी कोई आवश्यकता नहीं है। प्रार्थी का कहना है कि यह फैसला एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म्स कमीशन की सिफारिशों के बगैर लिया गया है। यह फैसला प्रदेश की वित्तीय व भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रख कर भी नहीं लिया गया है। इस छोटे से राज्य में दो राजधानियों की जरूरत समझ से परे है। यह फैसला पूर्णतया दिमाग के इस्तेमाल न किए जाने का परिणाम है। यह फैसला जनहित में भी नहीं है। दूसरी राजधानी को नीति निर्धारण शक्तियों की आड़ में बनाना कानूनन गलत है। सरकार इस तरह गैरकानूनी व मनमाना फैसला नहीं ले सकती। प्रदेश पहले ही 45 हजार करोड़ रुपये के कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है ऊपर से दूसरी राजधानी जैसा फैसला जनहित में कभी भी नहीं हो सकता। इन सब आरोपों पर आधारित याचिका में प्रार्थी का कहना है कि मौजूदा सरकार के अपने विधायक भी इस फैसले को तर्कहीन व नाजायज बता रहे हैं। प्रार्थी ने दूसरी राजधानी की अधिसूचना खारिज किये जाने की माग की है। मामले पर सुनवाई 18 अप्रैल को होगी।