पहाड़ ने फिर देखा रिश्तों का कत्ल
जितेन्द्र मेहता, रोहडू पुत्र का मोह रखने वाला यह समाज आज कलियुगी बेटे के उस कारनामे से शर्मसार
जितेन्द्र मेहता, रोहडू
पुत्र का मोह रखने वाला यह समाज आज कलियुगी बेटे के उस कारनामे से शर्मसार हुआ है कि बेटा ही मां-बाप का सहारा होता है। रोहडू के खसकंडी में बेटे ने अपनी मां को इतनी क्रूरता से मौत के घाट उतारकर इस रिश्ते के प्रति आमजन को सोचने पर मजबूर कर दिया है। क्षेत्र में हालांकि इस तरह यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी पहाड़ों ने रिश्तों का कत्ल होते देखा है।
37 वर्षीय कृष्ण चंद अपनी मां कागल देवी का इकलौता बेटा था। उसने बचपन में परवरिश के दौरान कभी सोचा नहीं होगा कि बुढ़ापे में जब उसे सहारे की जरूरत होगी तो वहीं लाठी उसे मौत के घाट उतार देगी। आरोपी की पत्नी सुनीला देवी स्नातक पास है और गांव के निजी स्कूल में बतौर अध्यापिका काम करती है। कृष्ण और सुनीला के दो बच्चे हैं। उनका सात साल का बेटा धु्रव और पांच साल की बेटी गुंजन अपनी दादी के साथ पिता की क्रूरता के बाद गहरे सदमे में हैं।
भरे पूरे परिवार में ऐसा क्या हुआ कि गांव में इतनी भयानक घटना घट गई। अभी तक किसी को समझ नहीं आ रहा है कि यह सब कैसे हो गया। लोगों की माने तो कृष्ण चंद शराब का आदी रहा है। इस वजह से वह अक्सर घर में झगड़ा किया करता था। यही नहीं पड़ोसियों के साथ भी कई बातों को लेकर उलझता था। लेकिन किसी को यह मालूम नहीं था कि वह इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दे देगा। हालांकि कृष्ण को तीन दिन से शराब पीकर घर आते नहीं देखा गया। इस बात से भी लोग हैरान थे कि उसने अचानक शराब कैसे छोड़ दी। लेकिन कोई यह नहीं समझ पा रहा है कि रिश्तों का कत्ल करने वाले इस इन्सान के दिमाग में क्या चल रहा था। उसने पत्नी और बच्चों के घर पर होते हुए भी मां को कुदाली से वार कर सदा के लिए सुला दिया। माना यही जा रहा है कि उसने शराब लाने के लिए बूढ़ी मां से पैसे मांगे होंगे। मां के पैसे देने से मना करने पर वह आपा खो बैठा और पास पड़ी कुदाली उठाकर तब तक वार करता रहा, जब तक कि उसने दम नहीं तोड़ा। वारदात को अंजाम देने के बाद वह मौके से फरार होने लगा, लेकिन आसपास के युवाओं ने दबोच लिया।