Move to Jagran APP

एक डॉक्टर संभाल रहा ऑर्थो ओपीडी

जागरण संवाददाता, शिमला : डॉक्टरों को धरती का भगवान कहें तो यह कोई गलत नहीं होगा। लोगों को ऊपर वाले भ

By Edited By: Published: Mon, 30 Jan 2017 04:04 PM (IST)Updated: Mon, 30 Jan 2017 04:04 PM (IST)
एक डॉक्टर संभाल रहा ऑर्थो ओपीडी
एक डॉक्टर संभाल रहा ऑर्थो ओपीडी

जागरण संवाददाता, शिमला : डॉक्टरों को धरती का भगवान कहें तो यह कोई गलत नहीं होगा। लोगों को ऊपर वाले भगवान के बाद इन्हीं पर भरोसा है, लेकिन डॉक्टरों से मिलने के लिए लोगों को जो तपस्या करनी पड़ती है, उसका जीता जागता उदाहरण दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल (रिपन) शिमला में देखने को मिलता है। प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के दावे रिपन अस्पताल में खोखले साबित हो रहे हैं। एक-एक चिकित्सक के सहारे सैकड़ों मरीजों को छोड़ा गया है।

loksabha election banner

रिपन में ऑर्थो ओपीडी के बाहर मरीजों की भीड़ लगी रहती है। मरीजों को घंटों लाइनों में खड़े होकर बारी का इंतजार करना पड़ता है। अस्पताल में ऑर्थो ओपीडी सात नंबर कमरे में चलती है। अस्पताल में केवल दो ही ऑर्थो विशेषज्ञ हैं जबकि यहां पर रोजाना सैकड़ों मरीज उपचार करवाने के लिए आते हैं। एक चिकित्सक के छुट्टी पर जाने के कारण एक ही डॉक्टर के हवाले सैकड़ों मरीज होते हैं। डॉक्टर को केवल ओपीडी में मरीजों का चेकअप नहीं करना पड़ता है, बल्कि वार्ड में जाकर भी मरीज देखने पड़ते हैं। जब अस्पताल में दाखिल मरीज को किसी तरह की परेशानी आती है तो डॉक्टर को ओपीडी छोड़ वार्ड में जाना पड़ता है, ऐसे में ओपीडी के बाहर लाइन में खड़े इंतजार कर रहे लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है। इतना ही नहीं एक डॉक्टर के छुट्टी पर जाने से ऑपरेशन भी टल जाते हैं, एक डाक्टर ओपीडी संभाले या फिर ऑपरेशन और वार्ड में दाखिल मरीजों को देखें। उपचार करवाने अस्पताल पहुंचे मरीजों को लंबा इंतजार करने के बावजूद भी कई बार डॉक्टर तक नहीं पहुंच पाते हैं और बिना उपचार करवाए वापस लौटना पड़ता है।

मेडिसन ओपीडी की भी ऐसी ही स्थिति है। जहां पर सैकड़ों मरीज तो प्रतिदिन आते हैं लेकिन दो डॉक्टरों के सहारे ही ओपीडी चलती है। ऐसे में एक डॉक्टर के छुट्टी पर जाने से सारा जिम्मा दूसरे डॉक्टर पर आ जाता है। त्वचा रोग विभाग में तो एक डॉक्टर है ऐसे में यदि डॉक्टर छुट्टी पर चले जाते हैं तो ओपीडी बंद करनी पड़ती है। इस कारण दूरदराज क्षेत्र से आए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। अस्पताल में कुछ विभाग ऐसे भी हैं, जहां दो से अधिक विशेषज्ञ चिकित्सक कार्यरत हैं, यहां तक कि रिपन अस्पताल में डेंटल ओपीडी में तो सर्जन सहित सात डॉक्टर बैठाए गए हैं, जबकि यहां पर डेंटल के मरीजों की संख्या काफी कम हैं, लेकिन जिन ओपीडी में मरीजों की संख्या अधिक है वहां पर डॉक्टर नहीं है खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।

यह है रिपन अस्पताल में डाक्टरों की स्थिति

आर्थो 2

मेडिसीन 2

आई 3

ईएनटी 2

गायनी 4

रेडियोलॉजी 2

सर्जरी 1

डेंटल 7

रिपन अस्पताल की आर्थो ओपीडी में दो डॉक्टर हैं। एक के छुट्टी पर जाने के कारण दिक्कत आई है। मेडिसन ओपीडी में दो डाक्टर हैं, यदि एक छुट्टी पर जाता है तो पीएचसी से डॉक्टरों को बुलाया जाता है ताकि लोगों को दिक्कत न हो।

रंजना राव, चिकित्सा अधीक्षक, रिपन, शिमला


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.