गुम्मा परियोजना के पानी के सैंपल फेल
राज्य ब्यूरो, शिमला : शहर के लोगों को सप्लाई किए जा रहे गुम्मा के पानी की शुद्धता को लेकर सवाल खड़े ह
राज्य ब्यूरो, शिमला : शहर के लोगों को सप्लाई किए जा रहे गुम्मा के पानी की शुद्धता को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। पिछले कुछ दिनों के दौरान गुम्मा परियोजना से पंप किए जा रहे पानी के सैंपल जांच में फेल पाए गए हैं। नगर निगम का स्वास्थ्य विंग गुम्मा व गिरी परियोजना से आ रही पानी की सप्लाई की सैंपलिंग रोज कर रहा है। इस दौरान गिरी सहित अन्य स्रोतों से आ रहे पानी के सैंपल की रिपोर्ट ठीक है लेकिन गुम्मा के पानी के सैंपलों की जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी पाई गई है।
नगर निगम के स्वास्थ्य विंग की टीम ने तीन दिसंबर को गुम्मा से आ रहे पानी के सैंपल लिए थे। लैब से आई रिपोर्ट के अनुसार पानी के सैंपल को फेल बताया गया है। इसके अलावा पिछले एक महीने के दौरान ढली बाजार में सार्वजनिक नल, संजौली के मेन टैंक के पानी व देवनगर में बावड़ी के पानी के नमूने भी फेल पाए गए हैं। इन स्थानों पर गुम्मा से पानी की सप्लाई होती है। ऐसे में शिमला शहर में सप्लाई हो रहे पानी की शुद्धता को लेकर सवाल उठने लगे हैं। नगर निगम के अनुसार गिरी व गुम्मा परियोजना से होने वाली पानी की सप्लाई के रोज सैंपल लिए जा रहे हैं। इसके अलावा टीम शहर में अलग-अलग क्षेत्रों में लगे लगे सार्वजनिक नलों से रैडंम सैंपलिंग कर रही है।
अब निगम की लैब में नहीं होती जांच
शिमला शहर में पीलिया फैलने के बाद से नगर निगम की लैब में पानी की जांच नहीं हो रही है। नगर निगम की टीम द्वारा लिए जा रहे पानी के सैंपलों को जांच के लिए आइजीएमसी के मोइक्रोबायोलॉजी विभाग की लैब में भेजा जा रहा है। वहां शहर के लिए आ रहे पानी के सैंपलों की जांच हो रही है। लैब से इसकी रिपोर्ट 72 घंटे के बाद आती है। ऐसे में लोगों को पानी पीने के बाद पता चलता है कि वह शुद्ध था या अशुद्ध। पानी की क्लोरीनेशन को लेकर भी उचित व्यवस्था नहीं है। मेन टैंकों में निगम का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी क्लोरीन डालने का काम करता है। ऐसे में कई बार क्लोरीन की मात्रा पानी के टैंक में अधिक पड़ जाती है। इस कारण टैंक के पास के क्षेत्रों में सप्लाई हो रहा पानी कड़वा रहता है।
रोज लिए जा रहे पानी के सैंपल
नगर निगम के स्वास्थ्य विंग की टीम गुम्मा व गिरी परियोजनाओं से पंप हो रहे पानी के सैंपल रोज ले रही है। जहां के पानी के सैंपल की जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी पाई जाती है, वहां से पानी की सप्लाई तुरंत रोक दी जाती है। वहां से तभी सप्लाई दोबारा शुरू की जाती है जब पानी की शुद्धता की रिपोर्ट सही न आ जाए।
डॉ. राकेश, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम शिमला